मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के परतापुर थाना क्षेत्र में 10 दिन पहले युवक पर हुए हमले के मामले में अब तक कोई कार्रवाई ना होने को लेकर पीड़ित परिवार में दहशत का माहौल है. दहशत का आलम यह है कि पति के हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होते ही उसकी पत्नी अपने दोनों बच्चों को अनाथालय में छोड़ने के लिए पहुंच गई. 


महिला का कहना है कि पति का इलाज कराते-कराते वह बर्बाद हो गई है. इसी के साथ अब उसे अपने बच्चों की भी जान का खतरा बना हुआ है. महिला का कहना था कि उसके बच्चे भले ही अनाथालय में रहें, मगर जिंदा तो रहेंगे. मामले की जानकारी मिलने के बाद एसपी सिटी ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का दावा किया है.


कुछ दिनों पहले पति पर हुआ जानलेवा हमला


दरअसल, परतापुर के बजौट गांव की रहने वाली सीमा ने बताया कि दो साल पहले उसने शारिक से दूसरी शादी की थी. सीमा का आरोप है कि बीती 13 जून की रात अज्ञात हमलावरों ने उसके पति शारिक को गोली मार दी. एक दिन पहले ही शारिक हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर आया है. 


बच्चों को भी जान का खतरा


महिला का कहना है कि अपने पति के इलाज में वह कर्जे तले दब गई है. उधर हमलावरों के विषय में अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है. जिसके चलते उसे अब अपने बच्चों की भी जान का खतरा बना हुआ है. गुरुवार को सीमा अपने नौ और चार साल के बेटे को लेकर कचहरी स्थित वैश्य अनाथालय जा पहुंची. जहां वह अनाथालय के अधिकारियों से अपने बच्चों को अनाथालय में रखने की गुहार लगाने लगी.


पुलिस कर रही मामले की जांच


मीडिया में पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके पति पर हुए हमले की घटना में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. जिसके चलते उसे अपने बच्चों की जान का भी डर बना हुआ है. हालांकि बाद में अनाथालय के कर्मचारियों के समझाने पर महिला अपने बच्चों को लेकर वापस लौट गई. उधर एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी. उन्होंने घटना के जल्द खुलासे का दावा किया.


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