एक्सप्लोरर

लखनऊ में जब-जब उतरा मजबूत प्रत्याशी, मतदान प्रतिशत में आया जबदस्त उछाल

लखनऊ की सियासत का इतिहास टटोला जाए तो वर्ष 1951 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित ने यहां से चुनाव लड़ा तो, तो लगभग एक लाख 48 हजार 569 लोगों ने मतदान किया था। जबकि अगले वर्ष 1952 में उनके बिना जब चुनाव हुआ, तो केवल एक लाख 17 हजार 888 वोट ही पड़े।

लखनऊ, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 6 मई को यूपी की राजधानी लखनऊ में वोट पड़ेंगे। बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली लखनऊ लोकसभा सीट का इतिहास रहा है कि जब भी लखनऊ से कोई मजबूत प्रत्याशी उतरा है, मतदान प्रतिशत बढ़ा है। जब प्रत्याशी कमजोर रहे, तो इसका असर मतदान प्रतिशत पर भी दिखा है।

अतीत से....

लखनऊ की सियासत का इतिहास टटोला जाए तो वर्ष 1951 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित ने यहां से चुनाव लड़ा तो, तो लगभग एक लाख 48 हजार 569 लोगों ने मतदान किया था। जबकि अगले वर्ष 1952 में उनके बिना जब चुनाव हुआ, तो केवल एक लाख 17 हजार 888 वोट ही पड़े। जो कि पिछली बार के मुकाबले 30 हजार 681 वोट कम थे।

आंकड़े देते हैं गवाही....

लोकसभा चुनाव से जुड़े आंखड़े इसकी खुद गवाही देते हैं कि मजबूत प्रत्याशी होने पर मतदान प्रतिशत भी बढ़ा है, जबकि कमजोर प्रत्याशी होने पर मतदान प्रतिशत घटना है।

वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में बीएलडी के दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा चुनावी मैदान में थे, उनके खिलाफ कांग्रेस ने शीला कौल को उतारा था। इस चुनाव में दोनों मजबूत प्रत्याशी थे। शीला जहां 1971 से लेकर 1977 तक लखनऊ से सांसद रह चुकी थीं, वहीं हेमवती नंदन बहुगुणा का भी सियासी कद काफी बड़ा था। इसी का असर था कि इस चुनाव में 3,32,049 वोट पड़े थे।

1980 का चुनाव, शीला कौल बनाम महमूद बट

वहीं, तीन साल बाद 1980 के चुनाव में एक बार फिर शीला कौल मैदान में थीं, लेकिन इस बार उनके खिलाफ जनता पार्टी के महमूद बट ने पर्चा भरा। शीला कौल के सियासी कद के आगे महमूद बट कमजोर साबित हुआ और इसका असर भी दिखा। मतदाताओं के जोश में कमी देखने को मिली। इस बार केवल 2 लाख 58 हजार 620 लोगों ने वोट ही पड़े, जो 1977 के चुनाव की तुलना में 73 हजार 429 वोट कम थे।

1984 में भी ऐसा ही परिणाम दिखा

1984 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने शीला कौल पर दांव चला और उनके सामने मैदान में थे लोक दल के मोहम्मद युनूस सलीम। चुनावी मैदान में ये नया चेहरा था। लिहाजा इस चुनाव में भी 1977 से कम वोट पड़े।

बाजपेयी की वापसी ने बढ़ाया मतदाताओं का उत्साह

हालांकि, 1991 में लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी की वापसी ने मतदाताओं का उत्साह एक बार फिर बढ़ा दिया। अटल के खिलाफ कांग्रेस ने रणजीत सिंह को मैदान में उतारा। इस बार 3,82,877 मतदान पड़ा। वहीं, पांच साल बाद 1996 के चुनाव में अटल के खिलाफ सपा ने फिल्म अभिनेता राज बब्बर को उतारा, तो ये सियासी जंग काफी रोमांचक दिखी। इस बार रिकॉर्ड 7,55,746 लोगों ने वोट डाले।

1988 और 1999 के लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस ने मजबूत उम्मीदवार पर दांव चला। 1998 में सपा ने फिल्म निर्माता-निर्देशक मुजफ्फर अली को मैदान में उतारा, तो इस बार 7,46,669 वोट पड़े। वहीं, 1999 के चुनाव में अटल के खिलाफ कांग्रेस ने डॉ. कर्ण सिंह को उताया, तो 7,53,943 लोगों ने वोट डाला।

1999 की तुलना में 2004 में कम वोट पड़े

2004 के लोकसभा चुनाव में अटल के सामने कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं था। अटल के सामने सपा प्रत्याशी डॉ.मधु गुप्ता का कद काफी छोटा साबित हुआ, लिहाजा इस बार 1999 की तुलना में करीब एक लाख 75 हजार वोट कम पड़े।

2009 की तस्वीर क्या रही

2009 के चुनाव में बीजेपी ने लालजी टंडन पर दांव चला तो कांग्रेस ने रीता जोशी को मैदान में उतारा। इस चुनाव में 5,84,051 वोट ही पड़े, जो पिछले कई चुनावों से काफी कम थे।

2014 में मतदान के सारे रिकॉर्ड टूटे

2014 में बीजेपी ने राजनाथ सिंह को मैदान में उतारा। मोदी लहर में इस बार के चुनाव में मतदान के सारे रिकॉर्ड टूट गए। इस वर्ष 10, 33, 883 लोगों ने वोट पड़े।

गौरतलब है कि 2019 में लखनऊ से एक बार फिर केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी नेता राजनाथ सिंह मैदान में थे। जबकि सपा ने पूनम सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम पर दांव चला है।

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

US Indian Embassy: अमेरिका में भारतीय दूतावास को क्यों जारी करनी पड़ी एडवाइजरी, इंडियंस को कौन बना रहा निशाना
अमेरिका में भारतीय दूतावास को क्यों जारी करनी पड़ी एडवाइजरी, इंडियंस को कौन बना रहा निशाना
जोधपुर में गजेंद्र सिंह शेखावत की सुरक्षा में चूक, काफिले की गाड़ी पर हुआ हमला
जोधपुर में गजेंद्र सिंह शेखावत की सुरक्षा में चूक, काफिले की गाड़ी पर हुआ हमला
इस मुस्लिम एक्ट्रेस का साउथ के शादीशुदा सुपरस्टार पर आ गया था दिल, 15 साल चला अफेयर फिर भी  53 की उम्र में तन्हा गुजार रही जिंदगी
इस मुस्लिम एक्ट्रेस का साउथ के शादीशुदा सुपरस्टार पर आ गया था दिल, लेकिन 53 की उम्र में भी है तन्हा
आज WPL 2025 का फाइनल, MI और दिल्ली में खिताबी भिड़ंत; जानें प्लेइंग इलेवन, पिच रिपोर्ट और मैच प्रिडिक्शन
आज WPL 2025 का फाइनल, MI और दिल्ली में खिताबी भिड़ंत; जानें प्लेइंग इलेवन, पिच रिपोर्ट और मैच प्रिडिक्शन
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Amir Khan Birthday Special: 'मुझे परफेक्शन में नहीं जादू में इंटरेस्ट है' - आमिर खान | ABP NewsHoli 2025: होली का हुड़दंग..सपना चौधरी के संग ! | ABP NewsSandeep Chaudhary : संभल, UP Election का अगला एपिसेंटर ? । Sambhal Juma Vs Holi । Anuj ChaudharyHoli Celebration: शांति व्यवस्था कायम...कौन हैं संभल के 'नायक'? | Juma

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
US Indian Embassy: अमेरिका में भारतीय दूतावास को क्यों जारी करनी पड़ी एडवाइजरी, इंडियंस को कौन बना रहा निशाना
अमेरिका में भारतीय दूतावास को क्यों जारी करनी पड़ी एडवाइजरी, इंडियंस को कौन बना रहा निशाना
जोधपुर में गजेंद्र सिंह शेखावत की सुरक्षा में चूक, काफिले की गाड़ी पर हुआ हमला
जोधपुर में गजेंद्र सिंह शेखावत की सुरक्षा में चूक, काफिले की गाड़ी पर हुआ हमला
इस मुस्लिम एक्ट्रेस का साउथ के शादीशुदा सुपरस्टार पर आ गया था दिल, 15 साल चला अफेयर फिर भी  53 की उम्र में तन्हा गुजार रही जिंदगी
इस मुस्लिम एक्ट्रेस का साउथ के शादीशुदा सुपरस्टार पर आ गया था दिल, लेकिन 53 की उम्र में भी है तन्हा
आज WPL 2025 का फाइनल, MI और दिल्ली में खिताबी भिड़ंत; जानें प्लेइंग इलेवन, पिच रिपोर्ट और मैच प्रिडिक्शन
आज WPL 2025 का फाइनल, MI और दिल्ली में खिताबी भिड़ंत; जानें प्लेइंग इलेवन, पिच रिपोर्ट और मैच प्रिडिक्शन
डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान से कम नहीं है लहसुन, ये है लेने का सही तरीका
डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान से कम नहीं है लहसुन, ये है लेने का सही तरीका
रोजाना खाएं ये खट्टा फल, डिप्रेशन और स्ट्रेस तो छूकर भी नहीं निकलेगा
रोजाना खाएं ये खट्टा फल, डिप्रेशन और स्ट्रेस तो छूकर भी नहीं निकलेगा
जेल में ही रहेंगी रान्या राव, कोर्ट ने खारिज की सोना तस्करी मामले में जमानत याचिका
जेल में ही रहेंगी रान्या राव, कोर्ट ने खारिज की सोना तस्करी मामले में जमानत याचिका
iPhone 17 Pro में भी नहीं मिलेंगे iPhone 17 Ultra में आने वाले ये फीचर्स, Apple ने कर ली बड़ी तैयारी
iPhone 17 Pro में भी नहीं मिलेंगे iPhone 17 Ultra में आने वाले ये फीचर्स, Apple ने कर ली बड़ी तैयारी
Embed widget