लखनऊ, अनुभव शुक्ला। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और कभी बीजेपी के सबसे बड़े हिंदूवादी चेहरा रहे कल्याण सिंह ने सोमवार को एक बार फिर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। सदस्यता ग्रहण करते ही बाबरी विध्वंस मामले में उनकी मुश्किल भी शुरू हो गयी। इधर कल्याण सिंह पार्टी दफ्तर में सदस्यता ग्रहण कर रहे थे तो उधर सीबीआई उन्हें बतौर आरोपी कोर्ट में तलब करने के लिए अर्जी दाखिल कर रही थी।


दरअसल, पहले संवैधानिक पद पर होने के चलते सीबीआई ने कल्याण सिंह को इस मामले में तलब नहीं किया था लेकिन अब सीबीआई ने अयोध्या प्रकरण की कोर्ट में अर्जी दाखिल की है जिस पर अब 11 सिंतबर को सुनवाई होगी। इसी मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती ,साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास जमानत पर हैं।


इससे पहले सोमवार दोपहर कल्याण सिंह राजस्थान से सीधे लखनऊ पहुंचे और उसके बाद उनका काफिला बीजेपी दफ्तर पहुंचा। जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कल्याण सिंह को दोबारा बीजेपी ज्वाइन कराई। इस दौरान बीजेपी मुख्यालय पर कल्याण सिंह के समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा।



बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कल्याण सिंह ने अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि 5 साल तक वो राज्यपाल रहने के नाते कुछ नहीं बोलते थे, लेकिन राज्यपाल रहते हुए भी हर दिन 1.30 घंटे यूपी के जिलों का हालचाल लेते रहते थे।


कल्याण सिंह ने कहा की 'बीजेपी पूरे विश्व में सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है। केंद्रीय नेतृत्व का कोई विकल्प नहीं है, आज बीजेपी के सामने कोई पार्टी नहीं है, वहीं अयोध्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि अयोध्या बड़ा पवित्र तीर्थस्थल है। राम मंदिर का निर्माण करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा है, मैं इसपर कोई राजनीति नहीं करना चाहता, लेकिन मैं ये जरूर कहना चाहता हूं कि सभी पार्टियां इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करें।'



योगी सरकार की तारीफ करते हुए कल्याण सिंह ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले ढाई साल में उत्तर प्रदेश में कोई भी दंगा नहीं हुआ, ये बताता है कि योगी जी किस तरह से यूपी को बेहतर बना रहे हैं। कल्याण सिंह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में विपक्षी पार्टियां अपना जनाधार खो चुकी हैं, अब उनकी वापसी मुश्किल है। हालांकि उनसे जब ये पूछा गया कि क्या पिछले 5 सालो में बीजेपी बदल गयी है, क्या आज एक कॉरपोरेट की तरह ये पार्टी चल रही है तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, उन्होंने कभी बीजेपी को कॉर्पोरेट पार्टी नहीं कहा।



कल्याण सिंह बीजेपी में हमेशा से पिछड़ों में एक बड़ा चेहरा रहे हैं। राम मंदिर आंदोलन में कल्याण सिंह की भूमिका किसी से छुपी नहीं है। कभी वो बीजेपी के हिंदुत्व के पोस्टर बॉय हुआ करते थे। एक बार फिर उन्हें पार्टी की सदस्यता दिला कर बीजेपी एक तरफ जहां उपचुनाव में लोध वोटों को अपने साथ करना चाहती है तो वहीं ढाई साल बाद होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर भी बीजेपी की नजर है।