गाजियाबाद. गाजियाबाद में 10 हजार करोड़ की लागत से बन रहे मेरठ एक्सप्रेस वे पर आज महिलाओं ने कब्जा कर लिया. महिलाओं ने यहां टेंट लगा कर चूल्हे रखकर खाना बनाया और लोगों ने खाया. इसके अलावा महिलाओं ने ढोलक की थाप पर यहां गीत भी गाए. दरअसल इस एक्सप्रेस वे के लिए जिन किसानों की जमीन ली गई है, वह किसान अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन और यात्रा निकाल रहे हैं.


बीच सड़क पर महिलाओं ने बनाया खाना


गाजियाबाद में मेरठ एक्सप्रेसवे जो प्रंधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है, कुछ समय पहले ही खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुली कार में दिल्ली में इसकी सवारी कर कर यह देश को समर्पित किया. लेकिन गाजियाबाद के थाना भोजपुर इलाके में इस एक्सप्रेस वे पर किसानों ने पूर्ण रूप से कब्जा कर लिया. यहां टेंट लगाकर किसान जम गए हैं. महिलाएं यहां चूल्हे बनाकर खाना बना रही हैं और वहीं किसान हुक्का गुड़गुड़ा रहे हैं. दरअसल इस एक्सप्रेस वे पर गाजियाबाद के 19 और मेरठ के 5 गांव की जमीन अधिग्रहित की गई थी. किसानों की दो सूत्रीय मांग है.


किसानों की दो सूत्रीय मांग


किसान चाहते हैं कि सभी गांव को समान दर से मुआवजा मिले, वहीं, किसानों को खेतों पर जाने के लिए सर्विस रोड मिले. किसान अपनी मांगों के लिए पिछले 14 महीनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी 14 सितंबर को किसानों ने इस एक्सप्रेस वे पर अर्धनग्न होकर पैदल रैली निकाली थी, जिसको 16 तारीख में जिला मुख्यालय पर घेराव करना था. लेकिन अधिकारियों के साथ वार्ता करने के लिये इन्होंने अपना निर्णय बदल दिया था और यह वापस आ गए थे. लेकिन आज फिर इन्होंने एक्सप्रेस वे पर कब्जा कर लिया है और उनका कहना है कि यहां से अपनी मांग पूरी होने तक नहीं उठेंगे.


आपको बता दें इस एक्सप्रेस वे पर कहीं कहीं अभी काम बाकी है. अगर किसान यहां से नहीं उठे तो इसका कार्य पूरा हो पाना मुमकिन नहीं है. वहीं, आपको बता दें इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद तीन राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली वासियों का आना जाना सुगम हो जाएगा. इस एक्सप्रेस वे से सफर करने से उनका समय और पैसा दोनों की बचत होगी.


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