आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Chandrasekhar Azad) ने कहा है कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव (UP Assembly Election 2022) लड़ेगी. आजाद ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogiadityanath) के खिलाफ वो स्वयं चुनाव लड़ेंगे. आइए जानते हैं कि अब उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों के गठबंधन का क्या स्वरूप है. कौन पार्टी कितने सीट पर चुनाव लड़ेगी. और पिछला चुनाव इन दलों ने कितनी सीटों पर लड़ा था और कितने पर जीत पाई थी.  


बीजेपी और उसके सहयोगी


बीजेपी ने अगले साल होने वाले विघानसभा चुनाव के लिए अपना दल और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया है. बीजेपी और उसके सहयोगियों ने अभी 2022 के चुनाव के लिए सीट बंटवारे की घोषणा अभी नहीं की है. बीजेपी ने 2017 का चुनाव अपना दल (सोनेलाल) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ मिलकर लड़ा था. बीजेपी ने 384 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसे 312 सीटों पर जीत मिली थी. और 5 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. अपना दल (एस) ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसे 11 सीटों पर जीत मिली थी. सुभासपा ने 8 सीटों पर चुनाव लड़कर 4 सीटें जीती थीं.


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इस चुनाव में बीजेपी के साथ आई निषाद पार्टी ने 2017 का चुनाव 72 सीटों पर लड़ा था. इसमें से 70 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. भदोही की ज्ञानपुर सीट से जीते उसके उम्मीदवार विजय मिश्र को अब सपा के साथ जा सकते हैं.  


समाजवादी पार्टी और उसके साथी 


सपा ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा, केशवदेव मौर्य के महान दल समेत कुछ छोटे दलों से गठबंधन किया है. सपा ने शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) को भी कुछ सीटें देने की घोषणा की है. शिवपाल ने 2017 का चुनाव सपा के टिकट पर लड़ा था.  
 
सपा ने पिछला चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था. सपा ने 311 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इसमें से 47 को जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस ने 114 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन उसे केवल 7 सीटों पर ही जीत मिली थी. 


इस बार सपा से गठबंधन करने वाली सुभासपा ने 2017 में बीजेपी के साथ 4 सीटें जीती थीं. महान दल ने 14 सीटों पर चुनाव लड़ा था. सभी सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. 


बहुजन समाज पार्टी


बसपा ने 2017 का चुनाव सभी 403 सीटों पर लड़ा था. उसे 19 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार का विधानसभा चुनाव वह अकेले ही लड़ने वाली है. उसने किसी से समझौता नहीं किया है. 


कांग्रेस का अकेलापन


कांग्रेस ने 2017 का विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा था. लेकिन जनता ने इस गठबंधन को नकार दिया था. कांग्रेस केवल 7 सीटें ही जीत पाई थी. सीटों के लिहाज से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 5वें नंबर की पार्टी है. इस बार का चुनाव कांग्रेस को अकेले ही लड़ना होगा, क्योंकि किसी भी दल ने उससे समझौता नहीं किया है. 


अजित सिंह की रालोद


अजित सिंह के राष्ट्रीय लोक दल ने 2017 का विधानसभा चुनाव 277 सीटों पर लड़ा था. उसे केवल एक सीट पर ही जीत मिली थी. रालोद के टिकट पर बागपत की छपरौली सीट से जीते सहेंद्र सिंह ने बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया था. अजित सिंह के निधन के बाद रालोद की कमान उनके बेटे जयंत के हाथ में है. उन्होंने कहा है कि सपा के साथ उनकी बातचीत अंतिम चरण में है.
 
असदउद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम


हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने 2017 का चुनाव 38 सीटों पर लड़ा था. इसमें से 37 पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. एआईएमआईएम ने 2022 का चुनाव 100 सीटों पर लड़ने की घोषणा की है.


डॉक्टर अयूब की पीस पार्टी


गोरखपुर के डॉक्टर अयूब को पीस पार्टी ने 2022 का चुनाव 200 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. पीस पार्टी ने 2017 का चुनाव 68 सीटों पर लड़ा था. लेकिन 67 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. इससे पहले 2012 के चुनाव में पीस पार्टी ने 208 सीटों पर लड़कर 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी.


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