नई दिल्ली, पं.शशिशेखर त्रिपाठी। क्या आप भी बॉस की नाराजगी का शिकार होते हैं। ऑफिस में काम परफेक्ट करने के बावजूद आपको बॉस की डांट सुननी पड़ती है। दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि अपने उच्चाधिकारियों से आपका तालमेल सही नहीं रह पाता। मन लगाकर काम करने के बाद भी कोई न कोई कमियां निकालकर बॉस आपकी क्लास ले ही लेते हैं। लेकिन ऐसा क्यों होता है, क्या इस बारे में आपने कभी सोचा है।


प्रायः बॉस का मूड खराब होने पर आपको उनके गुस्से का शिकार होना पड़ जाता है, जबकि अन्य सहयोगियों की गलतियों पर बॉस क्रोधित नहीं होते हैं। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि बॉस की नाराजगी के पीछे का आखिर कारण क्या है।


आखिर कुंडली में कौन सा ग्रह है जो बॉस की प्रसन्नता या बॉस की नाराजगी प्रदान करता है?



कुंडली में जो बॉस होता है वह है सूर्य। सूर्य ग्रहण की कृपा से ही बॉस की कृपा प्राप्त होती है। यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत है और शुभ ग्रहों से उसका कनेक्शन है, तो बॉस भी प्रसन्न रहता है व सदैव आपके सिर पर उसका हाथ रखता है, लेकिन अगर वहीं सूर्य की स्थिति बिगड़ जाए या सूर्य पीड़ित हो जाए, तो वहीं बॉस आपको बिल्कुल नहीं पसंद करता और स्थिति यहां तक आ सकती है कि बॉस के साथ तालमेल खराब होने पर नौकरी तक छोड़नी पड़ जाती है।


बॉस का पूरा सपोर्ट न मिलना या बॉस का बहुत ज्यादा नाराज होने का एक कारण पितृदोष भी हो सकता है। कुंडली में राहु और सूर्य की युति या राहु के ग्रिप में पूरी तरह सूर्य का आ जाना पितृदोष का निर्माण करा देता है। यदि यह पितृदोष करियर हाउस से कनेक्ट कर जाए तो जान लीजिए कि बॉस की निगाह सदैव टेढ़ी रहेगी।


अगर कुंडली में सूर्य नीच का हो जाए, तो भी बॉस के साथ तालमेल बहुत अच्छा नहीं रहता है। लग्नेश यानी चित के स्वामी को अस्त कर दे तो जानिए कि सदैव बॉस काफी आक्रमक रहते हुए बहुत दबाव बनाकर काम कराते हैं। यदि कुंडली में करियर हाउस यानी दशम भाव का स्वामी पीड़ित हो जाए और क्रूर ग्रहों के साथ हो जाएं तो भी बॉस की क्रूरता का सामना करना पड़ता है।


बॉस को प्रसन्न रखने के उपाय


सर्वप्रथम व्यवहारिक रूप से तो ऑफिस में जो जिम्मेदारी बॉस देते हैं, उसको बहुत ईमानदारी के साथ करना चाहिए। ज्योतिषिय उपाय में सुबह सूर्योदय के पहले उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्य को तांबे के पात्र से जल दीजिए, उसमें आधी चम्मच शक्कर, लाल पुष्प, लाल चंदन और यदि लाल चंदन न हो तो रोली डालकर अर्घ्य दीजिए और ध्यान रखना चाहिए कि अर्घ्य देते समय जल के छींटे पैर पर न आए।


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