जम्मू-कश्मीर, एबीपी गंगा। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने 12 लाख के इनामी हिज्बुल के टॉप कमांटर रियाज नायकू (Riyaz Naikoo) को मार गिराया है। बुधवार को जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा के बेगपोरा में हुए एनकाउंटर में नायडू मारा गया। साल 2016 से भी रियाज नायकू सुरक्षा बलों के राडार पर था। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से वो घाटी में घाटी में आतंक का पोस्टर बॉय बनकर उभरा था।


एक घर के नीचे बने बंकर में छिपा था नायकू


रियाज नायकू एक घर के नीचे बने बंकर में छिपा हुआ था। मंगलवार को सुरक्षाबलों को इनपुट मिला कि वो अपनी मां से मिलने बेगपोरा आ रहा है, जिसके बाद पूरे गांव की घेराबंदी कर दी गई। सुरक्षाबलों ने उस पूरे घर को ही उड़ा दिया, जिसमें नायडू छिपा था। इसके साथ ही 2-3 अन्य आतंकी भी मारे गए, जो उसके साथ छिपे थे। घर उड़ाने के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि मारा गया आतंकी रियाज नायकू है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के सुरक्षाबलों द्वारा ये ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया गया।


A++ कैटिगरी का आतंकी था


बता दें कि सेना की लिस्ट में रियाज नायकू को A++ कैटिगरी का आतंकी था। वो कभी मैथ टीचर हुआ करता था। बताया जाता है कि साल 2010 में कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद वो आतंक की राह पर निकल गया। दरअसल, उस साल प्रदर्शन के दौरान एक 17 साल के लड़के अहमद मट्टो की आंसू गैस का गोला लगने से मौत हो हई। इस घटना के बाद घाटी में खूब बवाल हुआ। पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें नायकू भी शामिल था। 2012 में उसे छोड़ दिया गया, लेकिन इन दो सालों में वो बिल्कुल बदल चुका था। एक इंटरव्यू के दौरान नायडू के पिता ने बताया था कि 2012 की एक रात को उसने भोपाल यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई के ऐडमिशन के लिए मुझसे 7 हजार रुपये लिए। उस रात के बाद वो कभी नहीं दिखा, बाद में पता चला कि उनका बेटा आतंकी बन गया है।


बुरहान वानी की मौत बना घाटी में आतंक का पोस्टर बॉय


8 जुलाई 2016 आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद वो घाटी में आतंक का पोस्टर बॉय बनकर उभरा। आतंकी सबजार भट की मौत के बाद उसे हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बनाया गया। वो घाटी में युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए गुमराह करने का काम करता था। कहते हैं कि साल 2017 में जब आतंकी जाकिर मूसा ने हिज्बुल से अलग होने के बाद रियाज नायकू (Riyaz Naikoo) ने हिज्बुल को टूटने से बचाया था। वो नायकू ही है, जिसने पुलिस अफसरों के परिवार के लोगों का अपहरण, आतंकी के मरने पर बंदूकों से सलामी जैसे चलन को शुरू किया था।


कौन था रियाज नायकू


32 साल का रियाज नायकू अवंतीपुरा के दुरबग इलाके में रहता था।वो घाटी में तीन साल से हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कमांडर था। साल 2016 सुरक्षा बलों के राडार पर आया था। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद सुरक्षाबलों के निशाने पर आया। नायकू पर 12 लाख का इनाम था। उसका नाम घाटी के टॉप 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों में शुमार था। सेना की लिस्ट में वो A++ कैटेगरी का आतंकी है। आतंकी बनने से पहले वो घाटी में एक स्थानीय स्कूल में मैथ का टीचर था। उसे पेंटिंग का बहुत शौक था।