UP News: मानसून सत्र के पहले समाजवादी पार्टी ने अपने विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष का ऐलान कर दिया है. माता प्रसाद पांडेय को यह जिम्मेदारी दी गई है. विधानसभा में माता प्रसाद पांडेय को समाजवादी पार्टी की तरफ से लीडर ऑफ अपोजिशन के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है.पिछले कुछ दिनों से PDA के फार्मूले के तहत किसी पिछड़े या दलित समाज के व्यक्ति को इस पद पर आने की बात कही जा रही थी. पर आज अखिलेश यादव ने सबको चौंकाते हुए ब्राह्मण समाज से आने वाले माता प्रसाद पांडेय को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना दिया है.


माता प्रसाद पांडेय उत्तर प्रदेश में दो बार स्पीकर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. 2002 से 2007 तक समाजवादी पार्टी की सरकार में वो स्पीकर रहे है. 15वीं विधानसभा में 2012 से 2017 तक भी माता प्रसाद पांडेय विधानसभा स्पीकर के तौर पर काम कर चुके हैं.


सात बार विधानसभा पहुंच चुके हैं माता प्रसाद
माता प्रसाद पांडेय समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं.वह इस बार सातवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं. माता प्रसाद पांडेय पहली बार 1980 में विधानसभा का चुनाव जीते थे. इसके बाद 1985 , 1989, 2002, 2007, 2012 और 2022 में विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. 1991 और 2003 में माता प्रसाद पाण्डेय मंत्री भी रह चुके हैं. 1991 में वह स्वास्थ्य मंत्री थे और 2003 में वह श्रम और रोजगार मंत्रालय संभाल चुके हैं .


29 जुलाई से शुरु हो रहा मानसून सत्र
यूपी में सोमवार( 29 जुलाई) से शुरू हो रहे मानसून सत्र को लेकर पार्टियां तैयारियों कर रही है.अखिलेश यादव का इस बार लोकसभा का चुनाव जीत जाने के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था.इसको लेकर तमाम कयास लगाया जा रहे थे कि कौन इस पद पर काबिज होगा.विधान परिषद में पिछड़े समाज के व्यक्ति को प्रतिनिधित्व देकर इस बात के कयास शुरू हो गए थे कि संभवत किसी दलित या अल्पसंख्यक समाज के व्यक्ति को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा. पर आज अखिलेश यादव ने पूर्वांचल के कद्दावर नेता माता प्रसाद पांडे को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाकर कई लोगों को चौंका दिया है.


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