देहरादून (अजीत राठी). उत्तराखंड में इस समय नए मुख्य सचिव को लेकर ब्यूरोक्रेसी में हलचल तेज हो गयी है. मौजूदा मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह आगामी 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं. इसके बाद जितने भी दावेदार हैं, उनके नामों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. हालाँकि मौजूदा मुख्य सचिव के सेवा विस्तार को लेकर भी चर्चा गर्म है. पढ़िये एबीपी गंगा की स्पेशल रिपोर्ट.
क्या मिलेगा सेवा विस्तार
आपको बता दें कि रिटायरमेंट के बाद सिंह का उत्तराखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन बनने की संभवाना जताई जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि वे मुख्यमंत्री के नजदीकी हैं. लेकिन सेवा विस्तार की चर्चा भी जोरों पर, इसकी वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण में बेहतर काम और मॉनिटरिंग करना और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नजदीक होना.
दूसरा सबसे बड़ा नाम अनूप वधावन (1985 बैच)
उत्तर प्रदेश में राजीव कुमार की तर्ज़ पर केंद्र इन्हें भी वापस भेजकर मुख्य सचिव बनवा सकता है. वधावन की गिनती बेहतरीन अफसरों में होती है, इस समय भारत सरकार में कॉमर्स सेक्रेट्री के पद पर तैनात हैं. यह पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है और प्रधानमंत्री की पसंद के अफसर ही इस पर तैनात होते हैं. क्योंकि इसी मंत्रालय से इंटरनेशनल ट्रेड को बढ़ाया जाता है. देश की अर्थव्यवस्था में इस मंत्रालय का बड़ा योगदान होता है. लेकिन यह भी चर्चा है कि वधावन आने के इच्छुक नहीं है.
तीसरा सबसे महत्वपूर्ण नाम है सुखबीर सिंह संधू (1988 बैच)
संधू इस समय नेशनल हाई वे अथॉरिटी के चेयरमैन हैं और यह पोस्ट भी प्रधानमंत्री के विश्वासपात्र अफसरों को मिलती है. वैसे भी यह कामकाज के लिहाज से देश की सबसे बड़ी और प्रभावशाली फील्ड पोस्टिंग मानी जाती है. संधू का रिटायरमेंट 2023 में है, लेकिन उनका मूमेंट प्रधानमंत्री की इच्छा पर निर्भर करता है. काम करने में तेजतर्रार माने जाने वाले संधू के पास व्यापक अनुभव है. वो तत्कालीन मुख्यमंत्री पंजाब, प्रकाश सिंह बादल के सचिव रहे हैं और उत्तराखंड में लौटने के बाद बीसी खंडूरी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के प्रमुख सचिव रहे हैं. छह साल से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं.
प्रबल दावेदार के रूप में चौथा नाम है ओमप्रकाश (1987 बैच)
ओमप्रकाश इस समय मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव भी हैं. जब त्रिवेंद्र सिंह रावत कृषि मंत्री थे तो तब भी वह उनके साथ पांच साल कृषि सचिव रहे हैं. मुख्यमंत्री के निकट होने का फायदा उन्हें मिलने की सबसे ज्यादा सम्भावना है, वह इस समय उत्तराखंड में ही कार्यरत भी हैं. त्रिवेंद्र से उनकी निकटता उन्हें इस पद पर ताजपोशी करा सकती है.
पांचवा नाम राधा रतूड़ी है (1988 बैच)
राधा रतूड़ी इस समय अपर मुख्य सचिव के पद पर तैनात हैं और मुख्यमंत्री उन्हें अच्छा अफसर भी मानते हैं, लेकिन उन्हें बनाने से ओमप्रकाश को सचिवालय से बाहर पोस्टिंग देनी होगी, क्योंकि सचिवालय के भीतर कोई वरिष्ठ आईएएस अपने से कनिष्ठ आईएएस के मुख्य सचिव बनने पर सचिवालय में तैनात नहीं हो सकता.
सियासी गलियारों में एक चर्चा यह भी है कि 1988 बैच की उत्तराखंड से आने वाली राधा रतूड़ी को मुख्य सचिव बनाया जा सकता है. मगर 1988 बैच के ही डॉक्टर सुखबीर सिंह संधू भी कोई कम नहीं हैं, फ़िलहाल संधू केंद्र में NHAI के चेयरमैन के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उत्तराखंड के मुख्यसचिव के पद की कुर्सी NHAI के चेयरमैन के पद के सामने फीकी नजर आती है. अगर एसएस संधू उत्तराखंड आते हैं तो वह सबकी राह में रोड़ा बन सकते हैं.
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