Ayodhya Ram Mandir: कांग्रेस ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से क्यों बनाई थी दूरी? जानें क्या बोले रॉबर्ट वाड्रा
UP Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मुझे यही लगता है कि कांग्रेस धर्म की राजनीति से दूर रहती है.
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने राजनीति समेत अलग-अलग मुद्दों पर तमाम सवालों के जवाब दिए. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं द्वारा निमंत्रण नहीं स्वीकार करने को लेकर भी उनसे सवाल पूछा गया. जिस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक सेक्युलर पार्टी है और हर मजहब का सम्मान करती है.
आगे रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मुझे यही लगता है कि कांग्रेस धर्म की राजनीति से दूर रहती है. ऐसे में कांग्रेस के नेता नहीं चाहते हैं कि देश टूटे. वाड्रा ने आगे कहा कि जब लोग मुश्किल में होते हैं तो वो भगवान के पास जाते हैं. अगर उनको बांटा जाएगा कि आपको मंदिर आना है या मस्जिद आना है या गुरुद्वारे आना है तो ये गलत होगा.
इन सवालों पर दिया जवाब
उन्होंने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखने के सवाल पर कहा कि इंडिया गठबंधन जो भी चाहेगा, साथ ही देश के लोग जो चाहते हैं, वही प्रधानमंत्री बनेगा. लेकिन, इसके साथ ही वह यह भी कह गए कि राहुल में बहुत समझदारी है. उन्होंने अपनी दादी से, पिता जी से, सोनिया जी से बहुत सीखा है तो वो जरूर उसके लायक हैं. उन्होंने राहुल गांधी को लेकर कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो देश में जरूर प्रगति होगी और देश में जो सांप्रदायिक तनाव है, ये दूर होगा.
कांग्रेस से बड़े नेताओं के मोहभंग होने के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि जो भी नेता छोड़कर जा रहे हैं या तो उनमें मेहनत करने की क्षमता नहीं है या कोई लालच देकर उनको खींचा जा रहा है या जो मंत्री पद उनको मिलता है, वो अगर मंत्री नहीं है तो उससे उनको परेशानी है. ऐसे नेताओं को बस टिकट चाहिए या पद चाहिए तभी उस पार्टी में रहेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप वाले बयान पर उन्होंने कहा कि आप किसी के घोषणापत्र पर कुछ भी कहोगे, लेकिन अब लोग प्रगति की ओर देख रहे हैं, लोग चाहते हैं कि जो लीडर हैं, वो प्रगति की बात करें, जो मुश्किलें हैं, उसके सुधार की बात करें. मेनिफेस्टो पर इतना जोर देने से उन्हें लाभ नहीं होने वाला.