UP News: उत्तर प्रदेश स्थित पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने की अटकलें बीते दिनों खूब चली. ये चर्चा भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान से शुरू हुई. अब राहुल गांधी के ही बयान से वरुण गांधी के कांग्रेस में आने की अटकलों पर विराम लग गया है. हमकी इसके लिए कांग्रेस सांसद की कुछ मजबूरी हो सकती है. 


इस बात को समझने के लिए पहले हमें उनके बयान पर गौर करना होगा. राहुल गांधी ने वरुण गांधी पर जवाब देते हुए कहा, "वो बीजेपी में हैं, मेरी विचारधारा उनसे नहीं मिलती. मैं आरएसएस के दफ्तर में नहीं जा सकता चाहे मेरा गला काट दिया जाए. वरुण ने उस विचारधारा को अपनाया है. उनसे मिल सकता हूं और गले लगा सकता हूं. लेकिन उनकी विचारधार नहीं अपना सकता हूं."


विचारधारा को स्वीकार नहीं कर सकते राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद ने कहा, "मेरा जो परिवार है उसकी एक विचारधारा है. उसका एक अलग थिंकिंग सिस्टम है. जो वरुण हैं उन्हें एक समय और शायद आज भी उस विचारधारा को अपना लिया है. उन्होंने उस विचारधारा को अपना बना लिया है. इसलिए मैं उस विचारधारा को स्वीकार नहीं कर सकता हूं. उस विचारधारा को मेरे लिए स्वीकार करने संभव नहीं है."


राहुल गांधी के बयान से साफ था कि वरुण गांधी ने बीजेपी में जाकर आरएसएस के विचारधाराओं को अपना लिया है. इस वजह से भाई को अब कांग्रेस में जगह नहीं मिलेगी. जबकि दूसरी ओर राहुल गांधी हमेशा से आरएसएस की विचारधारा के सख्त विरोधी रहे हैं. उन्होंने यहां तक कहा दिया कि मैं आरएसएस के दफ्तर में नहीं जा सकता चाहे मेरा गला काट दिया जाए. मैं उस विचारधारा को स्वीकार नहीं कर सकता हूं.


राहुल गांधी के बयान से बिल्कुल साफ हो गया कि दोनों की विचारधारा कहीं भी मेल नहीं खाती है. इस वजह से राहुल गांधी भाई वरुण गांधी को बीजेपी से कांग्रेस में शामिल नहीं कराना चाहते हैं.