UP News: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष के तौर पर आरोपों से घिरे बीजेपी (BJP) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने सोशल मीडिया पर अपने शुभचिंतकों और समर्थकों से गैरवाजिब टिप्पणियों से दूर रहने का 'अनुरोध' किया है. हालांकि इससे पहले बीते दिनों हुए विवादों के दौरान कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. लेकिन इस दौरान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) पूरी तरह खामोश रहे.
गौरतलब है कि ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया समेत बड़ी संख्या में कुश्ती खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण समेत विभिन्न आरोप लगाते हुए पिछले दिनों दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया था. मामला बढ़ने पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की बीच बैठक हुई. जिसमें सिंह पर लगे आरोपों की जांच होने तक उन्हें पद से हटने को कहा गया.
ऐसी है संभावना
इस दौरान पूरे विवाद में कांग्रेस समेत विपक्ष की अन्य पार्टियों के ओर से प्रतिक्रिया आई लेकिन इस बीच सपा प्रमुख और शिवपाल सिंह यादव पूरी तरह खामोश रहे. राजनीति के जानकारों की माने तो सपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के मामले में खामोश रहना चाहते हैं. इसकी खास वजह है कि बीजेपी सांसद का गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या और कैसरगंज समेत आसपास के सीटों पर खासा प्रभाव रहा है. अगर वे बीजेपी से बागी होते हैं तो फिर कई विकल्प खुलेंगे.
उनके मजबूत आधार को देखते हुए बागी होने पर सपा में शामिल होने की संभावना भी बन सकती है. गौर करने वाली बात ये है कि इससे पहले बीजेपी नाराजगी के बाद बृजभूषण शरण सिंह सपा में गए थे. तब 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने सपा के टिकट पर कैसरगंज से लड़ा था. तब बृजभूषण शरण सिंह ने जीत भी दर्ज की थी. लेकिन फिर 2014 में बीजेपी के टिकट पर कैसरगंज से लड़े और जीत दर्ज की.