रिटायर्ड पुलिसकर्मी हो जाएं सावधान! आपकी कमाई पर है शातिर गिरोह की नजर, पढ़ें ये रिपोर्ट
शातिर गिरोह फोन कॉल के जरिए खुद को ट्रेजरी अफसर बताता है और फिर झांसे में लेकर आपसे आपकी बैंक खाते से लेकर एटीएम कार्ड के पिन के साथ ही सारी गोपनीय जानकारी हासिल कर ठगी कर लेता है.
आगरा. पुलिस सेवा से रिटायर होने वाले लोगों की मेहनत की कमाई पर एक शातिर गिरोह की नजर है. ये गिरोह सरकारी नौकरी से रिटायर हुए कर्मचारियों को अपना निशाना बना रहा है. हैरान करने वाली बात है कि गिरोह के पास इस बात की भी जानकारी है जो कर्मचारी हाल ही में सरकारी नौकरी से रिटायर हुए हैं. ये शातिर गिरोह फोन कॉल के जरिए खुद को ट्रेजरी अफसर बताता है और फिर झांसे में लेकर आपसे आपकी बैंक खाते से लेकर एटीएम कार्ड के पिन के साथ ही सारी गोपनीय जानकारी हासिल कर ठगी कर लेता है.
गिरोह की नजर रिटायर्ड पुलिसकर्मियों पर होती है. इस गैंग का नेटवर्क यूपी, दिल्ली, झारखंड और बिहार में फैला है. रेंज सायबर थाने की टीम को कुछ सुराग मिले हैं. इनके आधार पर टीम जांच को आगे बढ़ा रही है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक ये शातिर 41 पुलिस पेंशनर्स को कॉल कर चुके हैं.
99 हजार की ठगी को दिया था अंजाम गिरोह के लोगों ने थाना शाहगंज के केसर विहार निवासी सेवानिवृत्त एचसीपी नाहर सिंह से 99 हजार रुपये की ठगी की थी. पीड़ित 31 अक्टूबर को अलीगढ़ में मुख्य आरक्षी के पद से रिटायर हुए थे. ठगी की शिकायत मिलने पर आइजी ए सतीश गणेश ने मामले की जांच रेंज सायबर थाने की टीम को दी. जांच में पता चला कि ये शातिर केवल पुलिस पेंशनर्स को ही निशाना बना रहे हैं. गिरोह के पास उनके सेवानिवृत्त होने की जानकारी के साथ खाते में आई रकम की भी जानकारी है. इसीलिए पेंशनर्स आसानी से उनका शिकार बन रहे हैं.
ट्रेजरी अधिकारी बनकर करते हैं कॉल वे ट्रेजरी अधिकारी बनकर काल करते हैं. खाता अपडेट करने के बहाने पूरी डिटेल हासिल कर लेते हैं. इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से खाते खाली कर देते हैं. पुलिस इस मामले में शातिरों के बारे में पता करने के साथ ही इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि उनके पास पुलिस पेंशनर्स का डाटा कहां से आया. पुलिस को शक है कि कहीं उन्होंने सरकारी विभाग के गेटवे में सेंध तो नहीं लगा ली. क्योंकि पेंशनर्स के खातों में आई रकम की जानकारी सामान्य तौर पर कहीं से नहीं मिल सकती. पुलिस टीम को शातिरों के नंबरों से कुछ और नंबर मिले हैं, जो उनके संपर्क में थे. ये मोबाइल नंबर यूपी, बिहार, झारखंड और दिल्ली के हैं. ये शातिर पूरी तरह तकनीक से लैस हैं यही वजह है कि जब किसी के पास इनका फोन पहुंचता है तो ट्रू कॉलर पर भी ट्रेजरी ऑफिसर लिखा ही शो करता है.
आगरा रेंज के आईजी ए सतीश गणेश ने बताया कि पुलिस पेंशनर्स को ठगी से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. पेंशनर्स के वाट्सएप ग्रुपों पर सचेत करने वाला मैसेज वायरल किया गया है. कोशिश की जा रही है कि अब शातिरों के जाल में कोई पुलिसकर्मी न फंसे.
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