UP Politics: यूपी में क्यों थम गया BJP और सपा में 'ट्विटर वार'? अखिलेश यादव के पीले लिफाफे वाली तस्वीर से खुला राज!
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीजेपी (BJP) के बीच अचानक 'ट्विटर वार' (Twitter) थमने का राज अब खुलने लगा है. इसकी वजह अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के पीले लिफाफे को माना जा रहा है.
UP News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीजेपी (BJP) के बीच कुछ दिनों पहले 'ट्विटर वार' (Twitter) हुआ. बात यहां तक बढ़ी की सपा मीडिया सेल के हेड मनीष जगन अग्रवाल (Manish Jagan Agarwal) को लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) ने गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सीधे पुलिस मुख्यालय पहुंच गए.
इसी बीच पुलिस मुख्यालय से अखिलेश यादव के कुछ वीडियो सामने आए, जो खुब सुर्खियों में रहे. खास तौर पर चाय को लेकर दिया गया बयान, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया गया. हालांकि अगले ही दिन मनीष जगन अग्रवाल को जमानत भी मिल गई. लेकिन इस बीच अचानक से कुछ ऐसा हुआ कि ये पूरा विवाद थम गया. इसका राज अखिलेश यादव के पीले लिफाफे वाली तस्वीर से खुला.
क्या है लिफाफे का राज?
दरअसल, सूत्रों का दावा है कि अखिलेश यादव पुलिस मुख्यालय में जो पीला लिफाफा लेकर पहुंचे थे, उसके जरिए ये विवाद थमा है. उस लिफाफे में अखिलेश यादव ने पुलिस को बीजेपी नेता ऋचा राजपूत के ट्वीट के स्क्रीनशॉट दिए. जिसमें बीजेपी नेता ने सपा प्रमुख की पत्नी डिंपल यादव और उनकी बेटी अदिति यादव के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. उन्हीं स्क्रीनशॉट के आधार पर अखिलेश यादव ने बीजेपी नेता के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की.
बता यहीं खत्म नहीं हुई, बीजेपी नेता के ट्विटर के स्क्रीनशॉट वायरल हो गए. इसके बाद बीजेपी नेता ऋचा राजपूत के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया. वहीं शिवपाल सिंह यादव ने बीजेपी सरकार को चेतावनी दी. इसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी माना की ऋचा राजपूत ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया है. उन्होंने कहा, "प्रशासन ऋचा राजपूत पर भी कानून विवेचना कर रहा है और उसी के तहत कार्रवाई होगी."
ऐसे में सूत्रों का दावा है कि अखिलेश यादव के उस पीले लिफाफे की वजह से बीजेपी और सपा के बीच 'ट्विटर वार' थम गया. हालांकि इसके बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "सोशल मीडिया हो या सार्वजनिक मंच मर्यादा का ध्यान सबको रखना चाहिए. बीजेपी को पूरा ध्यान है. बीजेपी हर उस बात पर ध्यान रखती है कि सार्वजनिक प्लेटफार्म पर मंच से क्या बोलना चाहिए."