UP By-Election 2022: उत्तर प्रदेश में तीन सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. इस उपचुनाव में बीजेपी (BJP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बीच कांटे की टक्कर है. लेकिन मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypolls) में जीत सपा के लिए सबसे जरूरी मानी जा रही है. इस उपचुनाव में पार्टी के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पूरे जोर-शोर से कैंपेन भी किया है. राजनीतिक पंडितों की माने तो इस सीट पर सपा बीजेपी से मजबूत दिख रही है. ऐसे में सवाल है कि क्या बीजेपी का हर प्रयास इस बार भी फेल हो जाएगा.


इसको समझने के लिए कई मुद्दों पर गौर करना जरूरी है. दरअसल, मैनपुरी में उपचुनाव मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हो रहा है. ऐसे में नेताजी की सीट को बयाने के लिए पूरा यादव कुनबा एकजुट दिख रहा है. पूरे कैंपेन के दौरान अखिलेश यादव के साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव भी नजर आए. चाचा ने भतीजे को छोटे नेताजी तक कहा दिया. इस वजह से परिवार की एकजुटता मैनपुरी में यादव परिवार के लिए सबसे बड़ा प्लस प्वांइट है. 


इस उपचुनाव में प्रचार के दौरान अखिलेश यादव के साथ पूरा यादव कुनबा लगा रहा. प्रचार के दौरान सपा प्रमुख का 'MY' समीकरण से अलग एक प्लान नजर आया. अगर चुनाव प्रचार के दौरान की तस्वीरों पर गौर करें तो वे न केवल यादव और मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने का प्रयास किया, बल्कि बीजेपी के खिलाफ सपा गठबंधन को भी साथ लेकर चलने की कोशिश की. इसके अलावा दलित वोटर्स पर भी फोकस करते नजर आए.


BJP के खिलाफ अखिलेश यादव का 'MY' समीकरण से अलग दिखा प्लान, प्रचार के दौरान इन 15 तस्वीरों में दिखी झलक


ये फैक्टर भी हैं अहम
सपा के लिए सबसे खास बात है कि मैनपुरी उनका गढ़ रहा है. सपा के गठन के बाद से ही इस सीट पर पार्टी कभी नहीं हारी है. खुद नेताजी इस सीट पर पांच बार सांसद रहे हैं. वहीं उनके इस्तीफा देने पर 2004 में तेज प्रताप सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. वहीं मैनपुरी में सपा के जीत का अंतर भी काफी बड़ा रहा है. मोदी लहर में भी पार्टी ने बड़े मार्जिन के साथ जीत दर्ज करती रही है.


सपा के साथ मैनपुरी में इस बार हर फैक्टर के साथ नेताजी के नाम पर मिलने वाला सहानुभूति वोट भी होगा. दरअसल, इस सीट पर मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद चुनाव हो रहा है. सपा ही नहीं बीजेपी भी नेताजी को पूरे चुनाव प्रचार के दौरान याद कर नजर आई. राजनीतिक पंडितों की माने तो मैनपुरी सपा परिवार के अभेद्य किला है. 


बीजेपी ने मैनपुरी उपचुनाव में पूरे जोर शोर से प्रचार किया. चुनाव प्रचार ने हर मुद्दे पर सपा को घेरने का प्रयास किया. लेकिन सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात है कि बीजेपी कभी मैनपुरी में जीत दर्ज नहीं कर पाई है. मोदी लहर में भी बीजेपी को इस सीट पर बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि पिछले चुनाव में सपा के हार का मार्जिन काफी कम हुआ है.