गाजीपुर, एबीपी गंगा। गाजीपुर के दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के धामूपुर के मूल रूप से रहने वाले शहीद वीर अब्दुल हमीद को मरणोपरांत सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मनित किया गया था। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अप्रतिम वीरता के लिये सेना के सर्वोच्च सम्मान मिला था। आज शहीद अब्दुल हमीद की विधवा रसूलन बीबी का 96 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। रसूलन बीबी ने दुल्लहपुर के अपने आवास में दोपहर के करीब 1.15 बजे अंतिम सांस ली। कुछ दिनों से रसूलन बीबी बीमार चल रहीं थीं और आज उनका निधन हो गया।


विशेष सम्मान की इच्छा लिये चलीं गयीं रसूलन बीबी


वीर अब्दुल हमीद देश के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित थे। अब्दुल हमीद ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में अप्रतिम साहस का परिचय दिया था। सेना में कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद का जन्म गाजीपुर के धामूपुर में 1933 में हुआ था और 10 सितंबर 1965 को भारत-पाक युद्ध के दौरान खेमकरण सेक्टर में वीरगति को प्राप्त हुए थे। आज भी शहीद अब्दुल हमीद की पुण्यतिथि पर उनके पैतृक गांव धामूपुर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन होता है और 2017 में खुद सैन्य प्रमुख जनरल विपिन रावत और तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक कार्यक्रम में धामूपुर पहुंचे थे और रसूलन बीबी को सम्मानित किया था।


गाजीपुर जिला प्रशासन से सम्मानित होने की शहीद की विधवा की इच्छा अधूरी रह गयी। एक बार बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि गाजीपुर जिला प्रशासन उनको कभी भी 15 अगस्त पर जिला मुख्यालय नहीं बुलाता है न ही उनको कोई सम्मान दिया जाता है।


गौरतलब है कि रसूलन बीबी का अंतिम संस्कार कल उनके पैतृक गांव धामूपुर में किया जायेगा।