दहेज के लिए मारता था IPS पति, थाने पहुंची पत्नी; केस दर्ज
मेरठ में आईपीएस पति के खिलाफ उसकी पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया है। पत्नी का आरोप है कि उसका पति 5 करोड़ रुपये की डिमांड करता था और डिमांड पूरी न होने पर उसके साथ मारपीट करता था।
मेरठ, एबीपी गंगा। मेरठ शहर निवासी 2015 बैच के एक आईपीएस पर उसकी पत्नी ने मारपीट, जानलेवा हमला और दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाकर नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पत्नी का आरोप है कि पति उसे बुरी तरह पीटता है और दहेज में पांच करोड़ रुपये की मांग पूरी नहीं किए जाने के कारण ससुराल में उसका उत्पीड़न हो रहा है।
पूरा मामला क्या है
मामला नौचंदी थानाक्षेत्र का है। जहां शास्त्रीनगर सेक्टर-7 निवासी डॉ. चरणदास सिंह की बेटी नम्रता की शादी 27 नवंबर, 2015 में अमित निगम निवासी 462/2 सुभाषनगर सिविल लाइन से हुई थी। अमित निगम फिलहाल दिल्ली स्थित पीएसी में एडिशनल कमांडेंट हैं। नम्रता ने बताया कि दहेज में आईपीएस पति को ऑडी कार, जेवरात समेत काफी सामान दिया था। इसके बावजूद अमित निगम व उसके पिता गंगाचरण निगम, मां रोशन निगम को दहेज में कम पैसा मिलने की शिकायत रही।
5 करोड़ रुपये की डिमांड करता है IPS पति
आईपीएस पति पांच करोड़ रुपये की डिमांड करता है। इतना पैसा देने में नम्रता और उसके पिता समक्ष नहीं है। नम्रता गुड़गांव में प्राईवेट कंपनी में जॉब करती है। दहेज की मांग पूरी न होने पर आईपीएस पति उससे मारपीट करता है। शादी के बाद से ही उसका ससुराल में उत्पीड़न शुरू हो गया था।
पत्नी का आरोप
आरोप है कि 30 अप्रैल, 2019 को आईपीएस पति ने उसको ससुराल में इतना पीटा कि वह बेहोश हो गई। अमित उसको कमरे में बंद करके चला गया। होश आने के बाद वहां से निकली और अपनी एक सहेली के पास पहुंची। परिवार और रिश्तेदार उसको समझाते रहे कि घर मत बिगाड़। अमित को अपनी गलती का अहसास होगा। लेकिन अब हद हो गई...। वह धमकी और देने लगे हैं। इसके बाद नम्रता ने नौचंदी थाने में पति, सास और ससुर के खिलाफ केस दर्ज कराया।
पुलिस का बयान
मामले में एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया, 'जिस महिला के साथ मारपीट की वह मेरे पास आई थी और जो फोटो है वह अपने आप में एक पर्याप्त सबूत है कि उसके साथ इस तरह की मारपीट की घटना की गई है। यह घटना गुड़गांव की है, जहां पर पीड़िता के साथ मारपीट की गई है। उस महिला के द्वारा बताया गया है कि यह घटना उसके पति जो कि एक आईपीएस हैं, उनके द्वारा की गई है। कोर्ट के ऑर्डर है कि इस तरह की घटनाओं में मुकदमा जहां पर पीड़िता रहती है वहां पर भी दर्ज किया जा सकता है। इस मामले में जो भी तथ्य होंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। दोनों पक्षों को सुना जाएगा जो सही होगा उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।