UP Politics: घोसी उपचुनाव की हार से कितनी कठिन हुई दारा सिंह चौहान और OP राजभर की ताजपोशी?
UP News: दारा सिंह चौहान दिल्ली में डेरा डालकर मंत्री बनाए जाने की लॉबिंग कर रहे हैं. ओम प्रकाश राजभर भी मंत्री बनने की संभावनाओं पर थोड़ा इंतजार करने की बात कह पल्ला झाड़ ले रहे हैं.
UP Politics: घोसी उपचुनाव की हार (Ghosi Bypoll Result) से दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chouhan) की ताजपोशी मुश्किल में लग रही है. सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के बयान से मामला और पेचीदा हो गया है. अब बीजेपी के भीतर से विरोधी स्वर तेज हो गए हैं. ओम प्रकाश राजभर ने खुद के और दारा सिंह चौहन के मंत्री बनाए जाने का दावा किया था.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मंत्री बनने संबंधी बयान पर राजभर को नसीहत दे चुके हैं. राजभर के सजातीय योगी सरकार में मंत्री भी अलग से हमलावर हैं. 2022 में बीजेपी छोड़ सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी पहले ही विधानसभा चुनाव हार गए थे. अकेले दारा सिंह चौहान घोसी सीट जीतकर विधायक बने थे. मगर घोसी उपचुनाव के नतीजे ने उन्हें भी स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी की कतार में खड़ा कर दिया है.
राजभर ने साधी चुप्पी, दारा डाले दिल्ली में डेरा
दारा सिंह चौहान चुनाव हारने के बाद से ही दिल्ली में डेरा डाले हैं. पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात हो रही है. तीन दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात हुई है. दारा सिंह चौहान एडजस्ट होने के लिए फील्डिंग कर रहे हैं. मगर अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है.
घोसी चुनाव खत्म होते ही राजभर का मंत्री बनना तय माना जा रहा था. मगर दारा सिंह के चक्कर में ओम प्रकाश राजभर का मामला भी अटक गया है. सूत्रों का कहना है कि बड़बोलेपन के लिए ओम प्रकाश राजभर को बीजेपी से नसीहत मिल चुकी है. यही कारण है कि इन दिनों सुभासपा प्रमुख ज्यादा नहीं बोल रहे हैं. हर सवाल के जवाब में थोड़ा इंतजार करने की बात कह रहे हैं.
मंत्री बनाए जाने के नफा-नुकसान का आंकलन
राजभर भले ही देर सबेर मंत्री बनने में सफल हो जाएं मगर दारा सिंह चौहान की दिक्कत बढ़ गई है. घोसी नतीजों से केंद्रीय नेतृत्व के कान भी खड़े हो गए हैं. यूपी संबंधी फैसलों में आलाकमान फूंक फूंक कर कदम रख रहा है. सबकी निगाहें दिल्ली के फैसले पर टिकी हैं. हालांकि आलाकमान हार के बाद भी दारा को मंत्री बनाने में नफा नुकसान का आंकलन कर रहा है.
कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेतृत्व की व्यस्तता से भी दारा सिंह चौहान की धड़कनें बढ़ गई हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के राज्यसभा जाने से खाली हुई एमएलसी सीट पर अभी फैसला होना बाकी है. इसलिए दारा सिंह चौहान की उम्मीदें भी बरकरार हैं.