हरिद्वार, एबीपी गंगा। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी और मैदानी इलाकों में कोहरे के चलते हरिद्वार में पारा अपने न्यूनतम स्तर तक जा पहुंचा है। ठंड की वजह से रैन बसेरों में रात बिताने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था करने में हरिद्वार नगर निगम ने अब तक कोई पहल नहीं की है।
हरिद्वार में रोजाना हजारों की संख्या में यात्री आते हैं इनके अलावा कई ऐसे भी लोग हैं जो बोघर होने की वजह से रात में सड़कों पर सोने को मजबूर हैं। ठंड के चलते आए दिन खुले में सोने वालों की मौत भी होती है मगर बावजूद इसके हरिद्वार नगर निगम और प्रशासन इन लोगों के लिए रैन बसेरों में कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है।
हरिद्वार में हर की पौड़ी के आसपास तीन रेन बसेरे हैं। ठंड से बचने के लिए कई लोग इन रैन बसेरों का सहारा लेते हैं। हर साल प्रशासन द्वारा हीटर की व्यवस्था की जाती है मगर इस बार अब तक प्रशासन की तरफ से इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया है। रेन बसेरों में रुकने वाले यात्रियों का कहना है कि यहां अलाव की व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि ठंड बढ़ गई है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर भी यात्री जमीन पर सोने के लिए मजबूर है।
रेन बसेरे में व्यवस्था देखने वाले अशोक कुमार का कहना है कि ठंड बढ़ गई है लोकिन रैन बसेरों में कोई व्यवस्था नहीं है। यहां कंबल तो हैं मगर रैन बसेरों में खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं साथ ही अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रशासन को इस बारे में सूचना दी गई है, जल्द ही अलाव की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया गया है।
वहीं, जब इस मामले में कैबिनेट मंत्री मदन कोशिश से बात की गई तो उनका कहना है कि शहर में जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की जा रही है और अलाव की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है उनके द्वारा इस तरफ ध्यान दिया जा रहा है।