लखनऊ, अनुभव शुक्ला: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. राम नगरी को नई पहचान दिलाने और इसे विश्वस्तरीय बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़े पैमाने पर काम शुरू करने का मन बनाया है. योगी सरकार की अयोध्या को लेकर क्या योजना है इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि सरकार ने अवधपुरी में इक्ष्वाकु नगरी के नाम से नई अयोध्या बसाने का प्रस्ताव तैयार किया है.


पहले चरण में खर्च होंगे 7 हजार करोड़ रुपए
नई इक्ष्वाकु नगरी को बसाने के लिए पहले चरण में 7 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. नई अयोध्या में शोध केंद्र, ऑडिटोरियम, गुरुकुल तो बनाए ही जाएंगे, साथ ही ये आधुनिक भी होगी. इसकी खासियत ये होगी कि इसमें आधुनिक सुविधायुक्त रहन-सहन, शिक्षा, खेल, मनोरंजन, व्यायम, चिकित्सा पर्यटन और परिवहन की सुविधाएं होंगी. नई अयोध्या को बसाने के लिए पड़ोसी जिले गोंडा और अंबेडकर नगर जिलों की भी कुछ भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव है.


हो चुकी की शुरुआत
योगी कैबिनेट ने अयोध्या नगर निगम की सीमा विस्तार को भी मंजूरी देकर इसकी शुरुआत कर दी है. इसमें गोंडा जिले के 7 गांव, बस्ती जिले के 90 गांव शामिल किए जाएंगे. योगी सरकार ने नई अयोध्या के विकास का जो ब्लूप्रिंट तैयार किया है उसमें मठ मंदिरों का पुनरुद्धार, कम से कम 6 फाइव स्टार होटल, 7 थ्री स्टार होटल, 1 सेवन स्टार होटल, 2 बड़े अंतरराज्यीय बस स्टेशन, कमर्शियल एयरपोर्ट, सरयू में क्रूज सर्विस की शुरुआत भी प्रस्तावित है.



बदल रही है अयोध्या
बता दें कि, प्राचीन अयोध्या में घनी और बेतरतीब बसावट के कारण इसकी सीमा में मौजूदा सुविधाओं के विस्तार और नई सुविधाओं की स्थापना की ज्यादा गुंजाइश नहीं है. इसके बावजूद राम जन्मभूमि और हनुमान गढ़ी के आसपास नागरिक और पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी योजना बन रही है. सरयू नदी के घाटों को भी पक्का किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें:



उत्तर प्रदेश में बकरीद के त्योहार को लेकर गाइडलाइन जारी, सोशल डिस्टेंसिंग समेत इन बातों का रखना होगा ध्यान


यूपी: राम मंदिर के भूमि पूजन में इस्तेमाल होगा त्रिवेणी संगम का जल, वीएचपी को मिली प्रयागराज से अयोध्या पहुंचाने की ज़िम्मेदारी