UP Politics: विपक्षियों का नाम लिए बिना अखिलेश यादव ने किया पलटवार, इन राजनीतिक दलों को बताया बीजेपी का लाउडस्पीकर
सपा नेता अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए यूपी के राजनीतिक दलों पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इन लाउडस्पीकरों का माइक कहीं और है.
UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विपक्षियों का नाम लिए बिना बड़ा हमला बोला है. उन्होंने सपा का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों को भारतीय जनता पार्टी का लाउडस्पीकर बताते हुए कहा है कि सत्ताधारी दल अनाप-शनाप बातें कहलवा रही है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया- "24 के चुनाव में अपने ख़िलाफ़ जनता के आक्रोश व जनहित में काम करनेवाले दलों की एकजुटता देखकर, बीजेपी बौखला गयी है. इसीलिए अपने लाउडस्पीकर दलों से अनाप-शनाप बातें कहलवा रही है…इन लाउडस्पीकरों का माइक कहीं और है."
सपा नेता ने कहा- "जनता को धोखा देनेवाली बीजेपी और उसके नालबद्ध दलों को जनता सबक़ सिखाएगी." अखिलेश यादव की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उन पर बीजेपी से सांठगांठ करने का आरोप लगाया है.
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बसपा चीफ ने लगाए गंभीर आरोप
बसपा चीफ मायावती ने ट्वीट कर कहा- सपा मुखिया अपनी इसी प्रकार की जनविरोधी कमियों को छिपाने के लिए दूसरों के खिलाफ अक्सर अनर्गल व बचकानी बयानबाजी आदि करके व करवाकर लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास करते रहते हैं, जिससे लोगों व देश की अन्य विपक्षी पार्टियों को भी सपा से सावधान रहने की ज़रूरत है.
पूर्व सीएम ने कहा- सपा यूपी में अपना जनाधार खोती जा रही है, जिसके लिए उसका अपना कृत्य ही मुख्य कारण है. परिवार, पार्टी व इनके गठबंधन में आपसी झगड़े, खींचतान तथा आपराधिक तत्वों से इनकी खुली सांठगांठ व जेल मिलान आदि की खबरें मीडिया में आमचर्चाओं में है तो फिर लोगों में निराशा क्यों न हो?
उन्होंने कहा- साथ ही, सपा की बीजेपी के साथ अन्दरुनी मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है और यही खास वजह है कि सपा के मुख्य विपक्षी पार्टी होने पर बीजेपी सरकार को यहाँ वाकओवर मिला हुआ है व सरकार को अपनी मनमानी करने की छूट है. इससे आमजनता व खासकर मुस्लिम समाज का जीवन त्रस्त व उनमें काफी बेचैनी है.
ओपी राजभर ने लगाए थे ये आरोप
इससे पहले ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव पर जुबानी हमला करते हुए कहा था, "वो अपने ही मुख्यमंत्री बन लें, दूसरे को क्या मुख्यमंत्री बनाएंगे. चार बार सरकार बनी, तब क्या किसी दूसरे को कभी मौका दिया. वह अपने विधायकों की चिंता करें दूसरे को छोड़ दें. राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने देख लिया आगे अभी देखते रहें. वह अपनी सुरक्षा खुद करें, दूसरों की सुरक्षा करना छोड़ दें. केशव प्रसाद मौर्य का कहीं जाने का सवाल ही नहीं उठता है."
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