Kanpur News: यूपी में कभी बाघ ,कभी भालू तो  कहीं भेड़ियों का आतंक दिखाई दे रहा है. बहराइच के बाद कानपुर में भेड़िए का आतंक दिखाई दिया है. भेड़िये के हमले एक दस साल के बच्चा सहित तीन लोगों के घायल होने की सूचना है. भेड़िए के हमले से घायल होने की खबर जंगल में आग की तरह फैली और मौके पर घायलों को अस्पताल पहुंचाकर उपचार कराया गया. वन विभाग के अधिकारियों ने जंगल में भेड़ियों के होने की बात स्वीकारी है.


कानपुर के नरवाल थाना क्षेत्र के सेमरूआ और बेहटा गांव में रहने वाले तीन लोग देर शाम भेड़िए के हमले से घायल हो गए. ये हमला उस वक्त हुआ जब सेमरुआ गांव के रहने वाले जगरूप के दस साल के बेटे शानू और गांव के दूसरे 44 साल के रामबहादुर  खेत पर काम कर रहे थे, तभी भेड़िए ने इनपर हमला बोल दिया. जब तक वो कुछ समझ पाते तब तक भेड़िए ने बच्चे और रामबहादुर दोनो को अपने जबड़े  में फसा लिया था. जैसे तैसे दोनों भेड़िए के हमले से बच निकले और गांव के भीतर आ गए.


वन विभाग की टीम भेड़िये का लगा रही पता
पूरे गांव में भेड़िए के हमले की चर्चा ही हो रही थी की तभी पास के गांव में रहने वाले 50 साल के रामकिशोर पर भी भेड़िए के हमले की सूचना आ गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी. वन विभाग के अधिकारियों ने घायलों के ज़ख्मों को देख हमला करने वाले जानवर की पुष्टि की. घायलों के ज़ख्म को देख  कर अधिकारी ने इस हमले के पीछे भेड़िए के होने की बात साफ कर दी.


जंगली जानवर के हमले से नरवाल के कई गांव के लोग दहशत में हैं. वहीं  घायलों  को उपचार के लिए अस्पताल भेज गया था. ग्रामीण अब खेतों पर जाने से मना कर रहे हैं. इस घटना को लेकर वन विभाग की टीम एक्टिव हो गई और भेड़िए की खोज में टीम लगा दी है लेकिन भेड़िए का सुराग नहीं लगा है.


इस संबंध में वन विभाग के डिप्टी रेंजर अनिल तोमर ने बताया कि हमारी एक टीम गांव में भेजी गई थी. सुबह से फिर भेड़िए की तलाश की जाएगी. हमारी टीम ने घायलों से मिलकर उनके  ज़ख्म और उनकी बताई बात से भेड़िए के होने की बात बताई है. अब भेड़िए के लिए सुबह से रेस्क्यू किया जाएगा.


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