नौकरी के नाम पर शातिर महिला ने ठगे करोड़ों रुपये, पीड़ितों ने इस तरह ढूंढ निकाला जालसाज को
मेरठ में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. घटना के मुताबिक, यहां एक महिला ने नौकरी के नाम दर्जनों लोगों को ठग लिया. पुलिस को भी महिला की तलाश थी. पीड़ितों ने एक दफ्तर में महिला को पहचानकर पुलिस के हवाले किया.
मेरठ: मेरठ पुलिस ने जीएसटी दफ्तर से एक ऐसी महिला को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे करोड़ों रुपए ठग कर फरार हो गई थी. लेकिन आज पीड़ितों ने इसे GST दफ्तर में आता देख लिया, जिसके बाद पुलिस को फोन कर बुला लिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला कांस्टेबल के साथ आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, पुलिस की माने तो ये महिला पिछले कई महीनों से पुलिस को चकमा देकर फरार थी, जिसके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी था, लेकिन पुलिस इसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी.
इस तरह गिरफ्त में आई ठग महिला
मेरठ के जीएसटी दफ्तर पर मंजू शर्मा अपने वीआरएस के सिलसिले में पहुंची थी, लेकिन उसकी ठगी के शिकार हुए लोग उसकी तलाश में पिछले कई दिनों से दफ्तर के आसपास चक्कर लगा रहे थे. वहीं, आज मंजू शर्मा उन्हें जीएसटी दफ्तर में जाती हुई दिखी, जिसके बाद उन्होंने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को बुलाया लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने गिरफ्तार करने से हाथ खड़े कर दिए, जिसके बाद आईओ अबरार हुसैन को पीड़ितों ने फोन किया और आरोपी महिला के जीएसटी दफ्तर होने की जानकारी दी, जिसके बाद आईओ अबरार हुसैन महिला कांस्टेबल के साथ जीएसटी दफ्तर पहुंचे और आरोपी महिला मंजू शर्मा को गिरफ्तार कर थाने ले गए.
लोगों से ठगे करोड़ों रुपये
पीड़ितों की माने तो, मंजू शर्मा कस्टम विभाग में कार्यरत थी और उसने नौकरी दिलाने के नाम पर इन पीड़ितों से 4 से पांच लाख प्रत्येक व्यक्ति से लिए थे और इस महिला की ठगी का शिकार एक दो लोग नहीं बल्कि दर्जनों लोग हुए. पीड़ितों की माने तो यह महिला अब तक करोड़ों की ठगी कर चुकी है और जब इसे पीड़ित तलाश करने लगे तो इसने नौकरी से वीआरएस ले लिया और फरार हो गई. जिसके बाद 2019 में पीड़ितों ने मेरठ के सिविल लाइन थाने में महिला और उसके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.
पीड़ित मांग रहे अपना पैसा
2019 से अब तक पुलिस इसे गिरफ्तार करना तो दूर इसका पता तक नहीं लगा पाई, लेकिन आज पीड़ितों ने इसे खोज निकाला और पुलिस को फोन कर इसे गिरफ्तार भी करा दिया. लेकिन पीड़ित अभी भी इसी बात की गुहार लगा रहे हैं कि महिला से किसी तरह उन्हें उनका पैसा वापस मिल जाए, ताकि लोगों से कर्ज लेकर नौकरी के नाम पर दिया गया पैसा वो वापस कर सकें.
पहले मांगती थी एडवांस
पीड़ितों की माने तो मंजू शर्मा उनसे सेल्स टैक्स विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर दस लाख रुपए की मांग करती थी. पहले 4 से 5 लाख एडवांस लेती थी बाकी नौकरी लगने के बाद पैसा देने की बात कहती थी. लेकिन आज तक उसने नौकरी किसी की नहीं लगवाई. नौकरी दिलाने के नाम पर 4 से पांच लाख प्रत्येक व्यक्ति से एडवांस ले लिया था और यह रकम पीड़ितों की माने तो करोड़ों में पहुच गई है.
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बेरोजगार लोग कैसे नौकरी के नाम पर बड़ी आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं. जबकि लगातार सरकार और प्रशासन लोगों को जागरूक करने के लिए बार-बार कहती रहती है कि सरकारी नौकरियां पैसे देकर नहीं बल्कि काबिलियत के हिसाब से मिलती है.