सोनभद्र: मऊ की रहने वाली महिला कांस्टेबल रिन्कू गुप्ता के पति हैदराबाद में प्राईवेट कंपनी में जाब करते हैं और रिन्कू खाकी पहनकर कठिन हालातों में भी अपने फर्ज को बखूबी निभा रहीं हैं. रिन्कू गुप्ता की एक वर्ष की मासूम बेटी आरोही न सिर्फ थाने के स्टॉफ का दुलारी है बल्कि थाने आने वाले आगंतुक भी उसे प्यार करना नहीं भूलते.


अपने जज्बे से जहां जीतने की ख्वाहिश को सोनभद्र पुलिस की सिपाही रिन्कू साकार कर रहीं हैं. अपने एक वर्ष के बच्चे को हर दिन साथ लेकर पन्नूगंज थाने में ड्यूटी करने वाली रिन्कू नारी सशक्तिकरण की सशक्त मिसाल हैं. रिन्कू के पति सोनभद्र से हजारों किलोमीटर दूर हैदराबाद के प्राईवेट कंपनी में नौकरी करते हैं और रिन्कू खाकी पहनकर कठिन हालात में भी अपने फर्ज को बखूबी निभा रहीं हैं. रिन्कू की मासूम बेटी आयुष न सिर्फ थाने के स्टॉफ का दुलारा है, बल्कि थाने आने वाले आगंतुक भी उसे प्यार करना नहीं भूलते.


ड्यूटी और फर्ज भी


रिन्कू गुप्ता अपना काम बखुबी करती रहती हैं और उनकी नजर बार-बार अपनी प्यारे बच्चे की देखरेख भी करती रहती है. रिन्कू गुप्ता जिस तरह से अपने फर्ज को निभा रही हैं, उससे पूरे जनपद में उनकी चर्चा हो रही है. रिन्कू गुप्ता की ससुराल मऊ जनपद के कहिनवर गांव में है. गाजीपुर की मूल निवासी रिन्कू की सोनभद्र पुलिस में तैनाती पहले दुद्धी कोतवाली, वहां से बीजपुर थाना तबादला कर दिया गया. वर्तमान में रिन्कू की तैनाती पन्नूगंज थाने में है. दुद्धी में तैनाती के समय बच्ची ने जन्म लिया, तभी से वह अपनी ड्यूटी बच्ची के साथ निभा रही हैं. काम के प्रति रिन्कू के समर्पण को देखते हुए उनकी तैनाती सोनभद्र के थाना पन्नूगंज में कर दी गयी. पन्नूगंज थाने में कुछ ही दिनों में रिन्कू की मासूम बेटी आरोही पूरे थाने की दुलारी हो गयी.


महिला हेल्प डेस्क पर है तैनाती


पन्नूगंज थाने के महिला हेल्प डेस्क के कमरे में प्रवेश करते ही आगंतुक को कुर्सी पर बैठाने के बाद उनकी वरिष्ठ महिला दीवान व सिपाही रिन्कू उसकी पूरी बात सुनती हैं. रजिस्टर में नाम, मोबाइल, फोन नंबर दर्ज करने के बाद रिन्कू फरियादी को संबंधित पुलिस अधिकारी के पास मामले को भेज देती है. अत्यंत लगन के साथ रिन्कू जब अपना कार्य करती हैं तो उनके बगल में लगी कुर्सी पर मासूम आरोही या तो गोद में बैठकर खेलता रहता है. आरोही खेलते हुये थक जाने पर हैल्पडेस्क में रखी सोफे पर गहरी नींद में सो जाता है. मां का शानदार किरदार निभाती रिन्कु गुप्ता अपनी ड्यूटी भी पूरी शिद्दत के साथ करती हैं. रिन्कू बताती हैं कि, ड्यूटी व मां दोनों का फ़र्ज निभाना है, इसको मैं मैनेज कर लेती हूं. थाने के सभी स्टाफ बिटियां को बहुत दुलार प्यार देते हैं. थोड़ी बहुत दिक्कत होती है तो सभी सहयोग कर देते हैं.


थानाध्यक्ष ने की तारीफ


उनके कार्य की प्रशंसा थानाध्यक्ष भुनेश्वर पाण्डेय भी करते हैं. थानाध्यक्ष के मुताबिक महिला सिपाही रिन्कू गुप्ता पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहीं हैं. हर दिन महिला हेल्पडेस्क में ड्यूटी करने के लिए रिन्कू अपने बच्चे आरोही के साथ समय से ड्युटी पर आती हैं. मासूम आरोही को कुछ खिलौने खाने के लिए स्नेक्स, टॉफ़ी पकड़ा दिये जाते हैं और रिन्कू अपनी वर्दी का फर्ज निभाने में जुट जाती हैं. आगंतुकों की शिकायतें लेकर उनसे सम्मानजनक बात करने के बाद रिन्कू शिकायत रजिस्टर में दर्ज करती हैं. इसके बाद शिकायतकर्ता को रिन्कू गुप्ता संबंधित अधिकारी के पास भेज देती हैं.


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