प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज के सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर्स पर गैंग रेप का आरोप लगाने वाली युवती की आज इलाज के दौरान मौत हो गई. कथित पीड़िता ने जिस अस्पताल के डॉक्टर्स पर ऑपरेशन के दौरान रेप का आरोप लगाया था, आज उसी अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया. युवती की मौत के बाद समाजवादी पार्टी और महिला अधिकार संगठन की सदस्यों ने डीएम दफ्तर का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया तो सरकारी अमला भी हरकत में आ गया. पीड़िता की मौत के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर अपनी पड़ताल शुरू कर दी है. 


अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR


हालांकि एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ लिखी गई है. विपक्षी पार्टियों और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों का आरोप है कि, इस मामले में पहले सरकारी डॉक्टर्स ने मनमानी की और बाद में पुलिस प्रशासन मामले में लीपापोती करते हुए उनका बचाव करने में जुटा रहा. एफआईआर भी तब दर्ज की गई, जब युवती की मौत हो गई. ऐसे में अब इंसाफ की कोई आस नहीं बची है. प्रदर्शनकारियों ने इस मामले में डॉक्टर्स के साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज किए जाने की मांग की है. 


संदिग्ध रहा मामला


हालांकि, यह मामला शुरू से ही संदिग्ध और सवालों के घेरे में रहा है. मिर्जापुर की एक युवती आंत का ऑपरेशन कराने के लिए 29 मई को प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज द्वारा संचालित नेहरू अस्पताल में भर्ती हुई थी. 31 मार्च की रात को आठ डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने उसका सफल ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के दो दिन बाद युवती के एक रिश्तेदार ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर्स द्वारा गैंगरेप किए जाने का सनसनीखेज आरोप लगाया. हालांकि इस रिश्तेदार ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करने से पहले ना तो डॉक्टर्स से कोई शिकायत की थी ना मेडिकल कॉलेज प्रशासन से और ना ही पुलिस व प्रशासन के किसी अफसर से.


कमेटी ने की जांच


इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पांच सीनियर डॉक्टर्स की कमेटी से जांच कराई थी. कमेटी ने युवती के परिवार वालों द्वारा लगाए गए आरोपों को नकार दिया था. कहा यह गया था कि ऑपरेशन करने वाली 8 सदस्यीय टीम में 5 महिलाएं थी. ऑपरेशन थिएटर पूरी तरह ट्रांसपेरेंट था. परिवार के लोग कांच के बाहर से पूरे वक्त मौजूद थे. इतना ही नहीं पीड़िता की हालत बेहद नाजुक थी. उसका मेजर ऑपरेशन हुआ था. ऐसे में गैंगरेप के आरोप पूरी तरह गलत और निराधार हैं. सीएमओ द्वारा गठित किए गए मेडिकल बोर्ड ने भी रेप के आरोपों की पुष्टि नहीं की. पुलिस ने भी सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियो के आधार पर जांच की तो उसने भी आरोपों को गलत पाया था.


अस्पताल के डॉक्टर्स ने निकाला था कैंडल मार्च


बहरहाल इस मामले में समाजवादी पार्टी समेत कुछ विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने लगातार मुद्दा बनाते हुए प्रदर्शन किया था. अस्पताल के डॉक्टर्स ने भी कल कैंडल मार्च निकालकर आरोपों को गलत बताया था. इलाज के दौरान आज सुबह पीड़िता की मौत हो जाने से हड़कंप मच गया. मौत की शिकार हुई कथित पीड़ित ऑपरेशन के बाद से लगातार वेंटिलेटर पर थी और वह बोलने व बयान दे सकने की हालत में नहीं थी. उसने परिवार वालों को इशारों में कुछ बताया था और लिखकर डॉक्टरों को गंदा बताया था. इसी आधार पर परिवार वालों ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स पर रेप का आरोप लगाया था.


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