बस्ती, एबीपी गंगा। स्वास्थ्य विभाग के रहमो-करम पर फल-फूल रहे नर्सिंग होम गर्भवती माताओं और शिशुओं के लिए यमराज साबित हो रहे हैं। आए दिन ऐसे मामले मे प्रकाश मे आते रहते हैं जहां नर्सिंग होम में चिकित्सकों या प्रबन्धन की लापरवाही से जच्चे-बच्चे की मौत असमय हो जाती है। ऐसी ही एक हृदय विदारक घटना कोतवाली क्षेत्र के कैली रोड पर जामडीह में स्थापित प्राईवेट नर्सिंग होम न्यू अवध हास्पिटल के प्रबन्धन और चिकित्सकों की घोर लापरवाही के चलते सामने आई है। यहां 28 वर्षीय गर्भवती मां प्रतिभा पाण्डेय की अकारण मौत हो गई और उसके पेट से बच्चा कहां गया यह रहस्य बना हुआ है। इस घटना को लेकर स्वास्थ्य महकमा और अस्पताल प्रबन्धन के हाथ-पांव फूल रहे हैं।


चेकअप कराने के लिए पहुंचे जिला अस्पताल


जिले के सोनहा थाना क्षेत्र के फरेनियां गांव निवासी अमित पाण्डेय पुत्र ओम प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि उनकी पत्नी 28 वर्षीय प्रतिभा पाण्डेय दो बच्चों की मां थी। तीसरा बच्चा पेट मे था। अल्ट्रासाउंड रिर्पोट के मुताबिक 21 अप्रैल को 9 माह पूरा हो गया था। लेकिन उस दिन तक पत्नी प्रतिभा को कोई दिक्कत नहीं थी। फिर भी उनका चेकअप कराने के लिए जिला महिला चिकित्सालय लाया था। ओपीडी मे उपस्थित एक महिला चिकित्सक ने बताया कि मरीज मे प्लेटलेट की भारी कमी है और कहीं बाहर ले जाकर इलाज कराने की सलाह दी।


लखनऊ के लिए किया रेफर


अमित ने बताया कि हम जैसे ही ओपीडी के बाहर आए तभी सदर ब्लॉक की आशा ऊषा सिंह से मुलाकात हो गई और वह मरीज को कैली रोड पर जामडीह मे स्थित न्यू अवध हास्पिटल ले गई। आशा ने बताया कि यहां आपकी मरीज बिल्कुल ठीक हो जाएगी। उसने मरीज को दोपहर करीब  1:30 बजे न्यू अवध हास्पिटल मे भर्ती करा दिया। एडमिट करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने मात्र 300 सौ स्पये जमा कराये और शाम को 7 बजे के करीब मेरी पत्नी प्रतिभा को लपेट कर एक एम्बुलेंस बुलाकर मरीज को वाहन में शिफट करा दिया और कहा कि मरीज की हालत बहुत सीरियस है लखनऊ रेफर कर रहे हैं इन्हें लखनऊ लेकर तुरन्त जाओ।


सामने आई लापरवाही


अमित ने बताया कि 'मैं मरीज को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा। जहां चिकित्सकों ने मेरी पत्नी को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद शव लेकर गांव आ गए। घर पर जब महिलाओं ने प्रतिभा को नहलाना शुरू किया तो देखा कि पेट का बड़ा ऑपरेशन हुआ है जिस पर ल्यूको टेप चिपकाया गया है। प्रतिभा के पति अमित ने कहा कि यदि मरीज का बड़ा आपरेशन किया गया तो बच्चा कहां गया।'



पहले भी दर्ज हो चुका है मुकदमा


बताते चलें कि वर्ष 2018 मे न्यू अवध हास्पिटल के सर्वे-सर्वा गिरजेश चैधरी ने कोतवाली थाना क्षेत्र के मडवानगर मे अमन हॉस्पिटल के नाम से अस्पताल खोला था। जिसमें एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी और प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सीज कर पीड़ित की तहरीर पर अमन हॉस्पिटल प्रबन्धन और चिकित्सकों के खिलाफ थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन यहां भी पीड़ित परिवार को न्याय नही मिला।


रुपयों का खेल खूब चला


इस पूरे प्रकरण को स्वास्थ्य विभाग और पुलिस महकमा मिलकर पी गया। यहां भी रुपयों का खेल खूब चला। इस घटना के चंद दिन बाद गिरिजेश चैधरी आदि ने ही अन्य व्यक्तियों के नाम से जामडीह में न्यू अवध हास्पिटल नाम का अस्पताल खोल दिया। यहां सब कुछ जानते हुए भी स्वास्थ्य विभाग ने बिना जांच, बिना सत्यापन के अस्पताल संचालन का लाइसेंस दे दिया। यह अस्पताल अब मरीजों के जान का दुश्मन बना हुआ है और जिम्मेदार अधिकारी केवल धन उगाही मे मस्त हैं।


मान्यता भी रद की जाएगी


इस सम्बन्ध मे डीएम राजशेखर से जब बात की गई तो उनके द्वारा सीएमओ को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिए गए। मौके पर डिप्युटी सीएमओ ने जांच की और अस्पताल को तत्काल सील कर दिया। छापे के दौरान अस्पताल से सभी स्टाफ नदारद मिले। डिप्युटी सीएमओ सीएल कन्नौजिया ने कहा कि न्यू अवध हॉस्पिटल की बहुत शिकायतें हैं और यह भी शिकायत मेरे संज्ञान में है। जिसकी जांच करने आया तो कोई भी जिम्मेदार नहीं मिला, रजिस्टर कब्जे में लेकर संचालक को 3 दिन में अभिलेख देने का अल्टीमेटम दिया गया है और संतोषजनक जवाब न मिलने पर अस्पताल की मान्यता भी रद की जाएगी।