Ghazipur Woman escaped from children home : गाजीपुर महिला कल्याण विभाग के द्वारा जनपद में प्रबंध तंत्र के माध्यम से बाल गृह चलाया जा रहा है, जहां पर सीडब्ल्यूसी या फिर अन्य संस्थाओं के माध्यम के अलावा कोर्ट के द्वारा भेजी गई बालिकाओं को रखा जाता है, जिसकी पूरी प्रबंध करने की जिम्मेदारी महिला कल्याण विभाग की होती है, लेकिन जनपद गाजीपुर के सैदपुर में चलने वाला बाल गृह से 4 जुलाई की रात एक बालिका के फरार होने के मामले ने उनकी पूरी व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. ऐसा भी नहीं है कि ये कोई पहला मामला हो. साल 2019 में भी एक बालिका यहां से फरार हो चुकी है.


नारी निकेतन भेजा जाना था


सैदपुर के रस्तीपुर स्थित स्व. शिवपूजन पाठक बाल गृह बालिका से 4 जुलाई की रात एक युवती फरार हो गई. जिसके बाद केंद्र समेत जिले भर में हड़कंप मच गया. रात में ही केंद्र प्रबंधन उसकी तलाश में जुट गया लेकिन उसका पता नहीं चल सका. अगले दिन प्रबंधन द्वारा थाने में तहरीर दी गई है. वहीं, सूचना के बाद अगले दिन जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल सोनकर मौके पर पहुंचे और मुआयना किया. जिला प्रोबेशन द्वारा संचालित रस्तीपुर स्थित स्व. शिवपूजन पाठक बालगृह बालिका पर 18 वर्ष तक की किशोरियों को रखा जाता है और 18 वर्ष पूरा होते ही उन्हें नारी निकेतन भेज दिया जाता है. वर्तमान में फरार युवती समेत केंद्र पर 4 युवतियां मौजूद हैं और सभी की आयु 18 से अधिक हो चुकी है. सोनभद्र के नेवढ़िया स्थित पुरवा उसराय निवासिनी ज्योति यादव 19 पुत्री विजय यादव को 2019 में वाराणसी की सीडब्ल्यूसी द्वारा इसी केंद्र पर लाया गया था, जिसके बाद से वो यहीं थी. केंद्र पर मौजूद कर्मियों ने बताया कि गृह पर वर्तमान में अधीक्षिका कुमुद मिश्रा समेत वार्डेन, परामर्शदाता, बाल कल्याण अधिकारी, नर्स, रसोईया, कम्प्यूटर ऑपरेटर, सफाईकर्मी व चौकीदार जितेंद्र यादव की तैनाती है.


बालिका गृह में 18 साल तक लड़कियों को रखने का नियम


बताया जाता है कि, केंद्र पर 4 जुलाई की रात करीब साढ़े 8 बजे चौकीदार जितेंद्र यादव नदारद थे और मौके पर सिर्फ वार्डेन शशिप्रभा पाठक और सफाईकर्मी गेना देवी मौजूद थीं. इस बीच किसी समय युवती ज्योति बाथरूम पर चढ़कर दीवार फांदकर फरार हो गई. कुछ ही देर में जब इस बात का पता चला तो वार्डेन उसकी तलाश करने लगीं और बाहर जाकर सभी से पूछा. इसके बाद पूरे गांव में व आस पास के क्षेत्र में उसकी तलाश की गई, लेकिन पता नहीं चला. यहां पर नियमानुसार 18 वर्ष तक की किशोरियों को रखना चाहिए लेकिन यहां की किशोरियों को कुछ कारणों से बलिया स्थानांरित कर दिया गया है और जिन्हें नारी निकेतन भेजना चाहिए, उन्हें बिना नियम के यहां रखा गया है. वहीं, जब इस बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने उपलब्ध ना होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया.


विभाग से नहीं मिल रहा है बजट


वहीं, अगर 1 सप्ताह पूर्व की बात करें तो बाल गृह बालिका से फरार हुई युवती ज्योति ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि वह घर जाना चाहती है साथ ही साथ प्रबंधक आर पी मिश्रा ने बताया था कि उनकी केंद्र को पिछले कई सालों से विभाग के द्वारा बजट नहीं दिया जा रहा है, जिसके वजह से वह क्षेत्र के समाजसेवियों के रहमों करम पर इस केंद्र को चला रहे हैं.


ये भी पढ़ें.


सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रियों के विभागों का किया बंटवारा, पढ़ें किसे कौन सी मिली जिम्मेदारी