सोनभद्र, एबीपी गंगा। देश की सत्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन कल्याणकारी योजनाएं जिसमे आयुष्मान भारत योजना का विशेष योगदान रहा है। इसके बावजूद भी सूबे के आदिवासी बाहुल्य जिले सोनभद्र में स्वास्थ्य सुविधाएं दिव्यांग हो गयी हैं। प्रदेश सरकार की योजनाओं को शर्मासार करने वाली घटना तब सामने आई। जब एक महिला ने बीच सड़क पर ही नवजात को जन्म दे दिया। महिला के परिजनों का आरोप है कि बार-बार 102 और 108 नंबर एम्बुलेंस को फोन किया गया, लेकिन घंटों बाद भी कोई नहीं पहुंचा। जिसके कारण मजबूरी में महिला को अस्पताल लेकर जा रहे परिजनों को बीच सड़क पर ही डिलीवरी करानी पड़ी।

वही इस मामले पर सीएमओ का कहना है कि इस घटना की जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जा रही है अभी तक जो जानकारी मिली है, उसमें 108 एंबुलेंस चालक को फोन कर सूचना दिया गया जो रात में 9 बजकर 8 मिनट पर पहुंच गया था । सड़क पर डिलीवरी होना दुखद है, लेकिन इसकी जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नवजात को सीएचसी चोपन में भर्ती कराया गया है। जिसका उपचार चल रहा है।

सोनभद्र में सोमवार की रात करीब नौ बजे जीतू पुत्र रामा 26 साल की पत्नी की हालत एक दम से बिगड़ने लगी। उसकी हालत देख कर परिजनों ने 102 और 108 नंबर एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन घंटो इंतजार के बाद जब कोई नहीं पहुंचा तो, हालत और भी बिगड़ती दिख रही थी। फिर वो अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल चल दिया।

ओबरा थाना क्षेत्र के सुदामा पाठक चौराहे के पास अचानक तबियत बिगड़ने पर महिला की डिलीवरी बीच सड़क पर ही करानी पड़ी। जो सरकार के सभी वादों, योजनाओं की पोल खोल कर रख देता है। हालांकि जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ है। वही मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि सड़क पर एक महिला ने नवजात को जन्म दिया है। जिसकी जांच में यह सामने आया है कि परिजनों द्वारा रात 8 बज कर 30 मिनट पर एम्बुलेंस के लिए फोन किया गया था जबकि 9 बजकर 8 मिनट पर एम्बुलेंस पहुंच गयी थी।