गोंडा. यूपी के गोंडा जिले की महिलाएं समूह बनाकर सशक्त व स्वावलंबी बनने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बन रही हैं. गरीब असहाय महिलाएं समूह बनाकर अपने उत्पाद को जी जान से बनाने के बाद उसको मार्केट में बेच रही हैं और पैसे कमा रही हैं. दरअसल, इन गरीब महिलाओं के मन में कुछ करने का इरादा लॉकडाउन के दौरान आया. लॉकडाउन में इनके पति का काम ठप हो गया. लिहाजा इन महिलाओं ने घर की स्थिति को सुधारने का जिम्मा उठाया. समूह में शामिल महिलाएं अगरबत्ती, नमकीन या दालमोठ जैसी चीजें बना रही हैं. कल्याणी स्वयं सहायता समूह के तहत महिलाओं ने समूह बनाया था.
चंदवतपुर की महिलाओं ने किया निर्माण
झंझरी ब्लॉक के चंदवतपुर गांव की रहने वाली महिलाओं ने समूह का निर्माण किया है. गांव की महिलाओं ने 12-12 लोगों के दो समूह बनाए. एक समूह का नाम कल्याणी समूह और दूसरे समूह का नाम मां वैष्णो सहायता समूह रखा. मां वैष्णो स्वयं सहायता समूह की महिला अध्यक्ष पूनम देवी का कहना है कि नमकीन बनाने के लिए कारखाने को समूह के रूप में काम कर सभी महिलाओं के सहयोग से इस कार्य को किया जा रहा है. इसके लिए 5 हजार रुपये में किराये पर मकान लिया गया है. हम खुद ही मिलकर नमकीन बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक क्विंटल नमकीन बनाने में 10 हजार रुपये का खर्च आता है. 3 से 4 दिनों में सारा माल बिक जाता है, जिसमें दो हजार का ही फायदा हो पाता है. अब हम इस नमकीन को शहरों में बेचने की तैयारी कर रहे हैं.
वहीं, कल्याणी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का काम अभी पिछले महीने से ही शुरू हुआ है. मिशन शक्ति के रूप में महिलाएं अगरबत्ती बनाने का काम कर रही हैं. एक ही गांव की 12-12 महिलाओं ने समूह बनाकर दो समूह बनाया है. एक समूह के तहत नमकीन व दालमोठ बनाया जा रहा है तो दूसरे समूह के तहत अगरबत्ती बनाने का काम हो रहा है.
अधिकारी भी कर रहे तारीफ
जिले के मुख्य विकास अधिकारी भी इस समूह की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. शशांक त्रिपाठी का कहना है कि शासन की तरफ से जो भी मदद होगी इस समूह को लिया जाएगा.
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