UP Municipal Corporation Election: उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद नगर निगम समेत जिले की सभी आठ नगर पंचायत-पालिकाओं की आरक्षण सूची जारी कर दी है. गाजियाबाद नगर निगम का आरक्षण बदल गया है. मेयर सीट महिला खाते में गई है. तीसरी बार ऐसा मौका होगा, जब गाजियाबाद की मेयर कोई महिला ही होगी. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई इस आरक्षण सूची से बीजेपी के उन पुरुष नेताओं को झटका लगा है जो इस बार के नगर निगम चुनावों में मेयर बनने की तैयारी कर रहे थे.


गौरतलब है कि इससे पहले साल-2006 में दमयंती गोयल और साल-2007 में आशा शर्मा मेयर बनी थीं. इससे पहले दिसंबर-2022 में जारी हुई आरक्षण सूची में गाजियाबाद मेयर की सीट को अनारक्षित श्रेणी में रखा गया था. ऐसे में तमाम दावेदार सामने आए थे. लेकिन बुधवार शाम नए सिरे से जारी हुए आरक्षण ने उन दावेदारों के सपनों पर पानी फेर दिया.


ये सीटें हुईं महिला आरक्षित


इसी तरह खोड़ा मकनपुर, मुरादनगर, लोनी, फरीदनगर, पतला, डासना और निवाड़ी नगर पंचायत में भी चेयरमैन पद का आरक्षण बदल गया है. नगर पंचायतों में आरक्षण की स्थिति के मुताबिक खोड़ा मकनपुर - ओबीसी, मुरादनगर - अनारक्षित, मोदीनगर -एससी, लोनी - ओबीसी, फरीदनगर - महिला, पतला - ओबीसी, डासना - अनारक्षित, निवाड़ी - ओबीसी महिला सीट बनाई गई है.


मजबूत दोवदारों की लिस्ट में दो नाम


बता दें कि गाजियाबाद नगर निगम में महिला आरक्षण के बाद बीजेपी में मेयर के टिकट के दावेदारों की संख्या सबसे ज्यादा है. बीजेपी की निवर्तमान मेयर आशा शर्मा सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं. उसके बाद दूसरे स्थान पर बीजेपी में पिछले संगठन और मौजूदा संगठन में लगातार उपाध्यक्ष बनीं सुनीता दयाल का नाम आता है. दरअसल सुनीता ने एक बार विधानसभा का चुनाव में अपना हाथ आजमाया हुआ है हालांकि वे हार गई थीं. सुनीता पिछले कुछ समय से सामाजिक कार्यों में जुटी हुई हैं. 


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