Unnao District Jail: उन्नाव की जिला जेल में महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की जा रही है. एनआरएलएम यहां स्वयं सहायता समूह गठित कर महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, जरी जरदोजी समेत कई तरह की वस्तुएं बनाने की ट्रेनिंग दे रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के रुप में यहां दीपक बनाने की शुरुआत की जा रही है. इस बार की दिवाली में जेल में कैदी महिलाओं द्वारा तैयार दीपक के उजाले से रोशनी होगी. सीडीओ दिव्यांशु पटेल की पहल से ही महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.


दरअसल, उन्नाव जिला जेल में राष्ट्रीय आजीविका मिशन का कार्यक्रम किया गया है. कार्यक्रम में जिला अधिकारी रविंद्र कुमार, सीडीओ दिव्यांशु पटेल, डीसी एनआरएलएम चंद्रशेखर के साथ जेल गए. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में महिलाओं को दिए बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. सीडीओ ने बताया कि दिवाली से पहले जेल की महिलाओं से 50 हजार दिए तैयार करा लिए जाएंगे. इन दीयों को सरकारी विभागों और बाजारों में बेचा जाएगा. लागत निकालकर जो मुनाफा होगा उसे महिलाओं को दिया जाएगा.


सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने आगे बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को तरह-तरह के रोजगार उपलब्ध हो इसके लिए प्रय़ास कर रहे थे. इसको लेकर हमने जब जिला अधिकारी रविंद्र कुमार से वार्ता थी. हमारी सोच थी कि त्योहार के समय महिला कैदियों को अलगाव महसूस ना हो. 


वहीं, डीसी एनआरएलएम से बातचीत करने पर ये विचार आया. पहले दिवाली तक दिए बने ये हमारा विचार है. उन्होंने अनुरोध किया है कि सिलाई, कढ़ाई जरी जरदोजी बाहर महिलाएं प्रोडक्ट खुद बना रही हैं. जेल में जो महिलाएं किसी भी कारण से निरुद्ध है अपनी सजा काटते हुए समाज में अपना योगदान दे सकें उनकी आय सुनिश्चित हो सके सबसे बड़ी बात समाज से उनका जुड़ाव बना रहे हैं.



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