Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को मंज़ूरी दे दी है. संसद की नई इमारत में पहले सत्र के एतिहासिक दिन इस एतिहासिक कानून पास कराकर एक एतिहासिक बनाने की तैयारी है. सूत्रों के मुताबिक आज ही नई संसद में महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) इस बिल को सदन में पेश कर सकती हैं. ऐसे में इस बात को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है कि अगर ये बिल पास होता है, तो देश के सबसे बड़े सूबे यूपी की सियासत में महिलाओं की भागीदारी कितनी बढ़ जाएगी.


उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो यहां सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटे हैं. इसके साथ ही विधानसभा में सबसे ज्यादा 403 विधायकों की संख्या है. महिला रिजर्वेशन बिल के तहत महिलाओं को 33 फीसद या एक तिहाई आरक्षण देने का प्रावधान है. ऐसे में इस बिल के पास होने के बाद यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 26 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा की बात की जाए तो यूपी में 403 विधानसभा सीटें आती हैं, महिलाओं को आरक्षण मिलने के बाद महिलाओं के लिए इनमें से 133 सीटें आरक्षित हो जाएंगी. 


महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी इतनी सीटें


महिला आरक्षण के बाद देश की लोकसभा और पूरे देश में सभी राज्यों की विधानसभाओं में भी महिलाओं की संख्या बढ़ जाएगी. लोकसभा में कुल 543 सांसदों में से 179 लोकसभा सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी वहीं सभी राज्यों की विधानसभा सीटों की कुल संख्या 4,123, होती हैं, ऐसे में 1,361 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी.  


रोटेशनल बेस पर होगा महिला आरक्षण


आपको बता दें कि महिला आरक्षण बिल रोटेशनल बेस पर होगा, 180 लोकसभा सीट पर डूएल मेंबरशिप होगी, इनमें से एक तिहाई सीट एससी-एसटी के लिये रिज़र्व होगी. 2027 के बाद परिसीमन होने के बाद इतनी ही सीट्स को बढ़ा कर महिलाओं के लिए रिज़र्व कर दिया जाएगा. वर्तमान समय में लोकसभा में 15 फीसद महिला सांसद हैं. 


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