Women Reservation Bill Passed: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने मंगलवार को नई संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया. दूसरी तरफ इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. इस कड़ी में समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव ने कहा है कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए. इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए.


दूसरी तरफ अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से सपा की सांसद डिंपल यादव ने कहा है, "मैं महिला हूं और इस बिल का समर्थन करती हूं. लेकिन, मैं चाहती हूं कि अंतिम पंक्ति में जो खड़ी महिला है, उसको भी उसका हक मिलना चाहिए. हम चाहते हैं कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले."


डिंपल यादव ने मोदी सरकार पर साधा निशाना


इस दौरान डिंपल यादव ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, "ये सरकार 9 साल पूरे होने के बाद बिल लेकर आई है, ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले यह बिल लागू नहीं हो पाएगा. सरकार बस एक परसेप्शन क्रिएट करना चाहती है. सरकार की मंशा ठीक नहीं है."


मायावती ने महिला आरक्षण बिल पर क्या कहा?


इससे पहले बीएसपी की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि केंद्र सरकार महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण देने के लिए संसद में बिल लाने जा रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की संख्या देखते हुए आरक्षण का प्रतिशत 33 नहीं बल्कि 50 होना चाहिए. साथ ही एससी, एसटी/ओबीसी कोटा भी सुनिश्चित होना चाहिए.


'उम्मीद है इस बार बिल पास हो जाएगा'


मायावती ने कहा, "हमें उम्मीद है कि चर्चा के बाद इस बार बिल पास हो जाएगा, क्योंकि यह काफी समय से लंबित था. मैंने संसद में अपनी पार्टी की ओर से कहा था कि महिलाओं की आबादी को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को प्रस्तावित 33 की बजाय 50 प्रतिशत आरक्षण मिले."


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