लखनऊ. भगवान राम की नगरी अयोध्या अपने खोए हुए वैभव को प्राप्त करने के लिए सज-संवर रही है. करीब पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद भविष्य की जरूरतों के लिहाज से अयोध्या तैयार हो रही है. अयोध्या के कायाकल्प के लिए योगी सरकार कोई कमी नहीं कर रही है. सरकार अयोध्या में कई प्रोजेक्ट पर 2 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर रही है.
पर्यटकों की संख्या में होगा तीन गुना इजाफा
रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण और वहां बनने वाली दुनिया की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा बनने के बाद भविष्य में वहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी. सरकार के अनुमान के अनुसार, 2020 से 2031 के दौरान पर्यटकों की संख्या में तीन गुना का इजाफा होगा.
अयोध्या में एक अधिकारी के मुताबिक, आने वालों को बेहतर सुविधाएं मिलें, उनके दिलो-दिमाग पर अयोध्या की अच्छी और अमिट छवि बने. इस सबके लिए अयोध्या को तैयार किया जा रहा है. अगर सभी विभागों को जोड़ दिया जाए तो 2 हजार करोड़ रुपये से अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी है.
कुछ काम पूरे, कई पर काम जारी
मौजूदा समय में पर्यटन विभाग की ओर से समेकित पर्यटन के लिए विकास के कई काम जारी हैं. कुछ काम पूरे भी हो चुके हैं. इसके अलावा सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों पर थीम बेस्ड गेट के निर्माण, परिक्रमा पथों के विकास, कुंडों का जीर्णोद्घार, टूरिस्ट फैसिलिटेशन के निर्माण, पार्किंग, यात्री सुविधाओं और फूडकोर्ट के निर्माण आदि के लिए केंद्र सरकार को 200 करोड़ का प्रस्ताव भी विभाग की ओर से शीघ्र ही केंद्र को भेजा जाना है.
नई अयोध्या में दिखेगा वैदिक और स्मार्ट सिटी का समन्वय
अयोध्या में आपको वैदिक और स्मार्ट सिटी का समन्वय देखने को मिलेगा. इसके लिए यूपी आवास-विकास परिषद ने 639 एकड़ भूमि भी चिन्हित की है. फिलहाल अयोध्या में राम की पैड़ी के सुंदरीकरण, यहां के फसाड (मेन गेट) इंप्रूवमेंट के सिविल कार्य, बहुउद्देशीय हॉल, गुप्तार घाट, लक्ष्मण किला घाट और रामकथा का विस्तारीकरण, राजा दशरथ की समाधि के जीर्णोद्घार का काम पूरा हो चुका है.
पंच कोसी पर परिक्रमा करने वालों के विश्राम के लिए जगह-जगह छाजन बनाने, मल्टी लेवेल कार पार्किंग, बस स्टैंड जैसे तमाम काम किए जा रहे हैं.
होटल इंडस्ट्री को भाई अयोध्या
किसी शहर की संभावनाओं का अंदाजा बाजार को सबसे पहले लगता है. अयोध्या में पर्यटक आएंगे तो उनके ठहरने की भी व्यवस्था उनके बजट में होनी चाहिए. इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर होटल इंडस्ट्री के लिए अयोध्या निवेश का पसंदीदा स्थल बन गया है. 2018 में नयी पर्यटन नीति आने के बाद वहां के लिए 20 प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं. इसमें एक होटल और एक रिसॉर्ट के अलावा 12 बजट, 3 हेरीटेज और बाकी सामान्य होटल हैं.
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