मेरठ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक ने निगम कर्मचारियों की बजाय बाहरी लोगों से चालक एवं परिचालक का काम कराने के आरोप में शिकोबाबाद के एआरएम को निलंबित कर विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों तथा कर्मचारियों को साफ संकेत दे दिया है कि विभाग में अब किसी भी तरह का भ्रष्टाचार सहन नही किया जाएगा।
परिवहन निगम के एमडी डॉ राजशेखर ने बताया कि, '27 अगस्त को शिकोहाबाद डिपो की बस संख्या यूपी-83 टी-4621 को बाहरी चालक द्वारा चलाए जाने की गोपनीय सूचना मिली थी। मथुरा पहुंचने पर बस की जांच कराए जाने पर पता चला कि बस में अवैध रूप से 1500 किलोग्राम का सामान लदा था।
डॉ राजशेखर ने बताया कि, 'यही नहीं बस के लिए निर्धारित चालक सुनील यादव के स्थान पर एक बाहरी व्यक्ति ड्यूटी करते पाया गया। पकड़े गये बाहरी व्यक्ति ने बताया कि ड्यूटी के एवज में उसे पांच सौ रुपये प्रतिदिन दिए जाने की बात कही गई थी।'
प्रबन्ध निदेशक के अनुसार इससे पहले 25 जुलाई को शिकोहाबाद डिपो की बस संख्या यूपी-83 एटी 9096 की दिल्ली मार्ग पर टूंडला टोल प्लाजा पर जांच की गई। उस दौरान तय कंडक्टर के बजाय एक बाहरी व्यक्ति से परिचालन कराया जा रहा था। ड्राइवर भी बाहरी व्यक्ति था। विभागीय जांच में एआरएम राकेश कुमार दोषी पाए गए। इन अनयमितताओं को गंभीरता से लेते हुए एआरएम को सोमवार को निलंबित कर दिया गया।