World Autism Awareness  Day 2024: हर साल 2 अप्रैल को पूरी दुनिया में वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने के पीछ एक उद्देश्य है कि इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाना. आज मंगलवार को ऑटिज्म के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए समाज का एक वर्ग आगे आया. इनमें बच्चों के माता पिता के साथ साथ एजुकेटर्स और थेरेपिस्ट शामिल हुए.उन्होंने गाजियाबाद स्थित शिप्रा मॉल से एक रोड शो निकाला गया. हाथों में बैनर पोस्टर लिए लोगों ने सड़क पर स्कूलों में और मॉल में तमाम लोगों को ऑटिज्म के विषय में जानकारी दी और उन्हें बताया कि ऑटिज्म कोई बीमारी नहीं बल्कि एक अवस्था है.


एंस्टिन न्यूटन मोजार्ट जैसे बड़े बड़े साइंटिस्ट और म्यूजिशियन भी इस अवस्था में रह चुके हैं और दुनिया में अपनी अलग सोच का लोहा मनवा चुके हैं. हमारे देश में जागरूकता की कमी के कारण न तो स्कूल में इन बच्चों को सही तरह से शिक्षा मिल पाती है न ही इनकी प्रतिभा को समझ पाते हैं. भारत में हर साल इसके 10 लाख से ज्यादा मामले आते है. इस बीमारी को लेकर अभी भी लोगों के बीच जागरूकता नहीं है. 


ऑटिज्म क्या है?
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर दिमाग से जुड़ी बीमारी है. इसमें एक व्यक्ति दूसरे के साथ मेलजोल ठीक से कर नहीं पाता है. इस बीमारी में बच्चे को दूसरे से मिलने-जुलने में बड़ी दिक्कत होती है. इसे सामाजिक संपर्क से जोड़कर देख सकते हैं. इस बीमारी के लक्षण बचपन में ही दिखने लगते हैं. जो लोग इस बीमारी से जूझ रहे है उन्हें डिप्रेशन, चिंता, सोने में कठिनाई सहित कई सारी पेशानियों को झेलना पड़ता है. 


ऑटिज्म के लक्षण-
- खुद को नुकसान पहुंचाना
-बिना सोचे-समझे जल्दबाजी करना
-लगातार कुछ करने से खुद को रोक न पाना
-ध्यान देने में कठिनाई या बहुत कम चीजों में गहरी रूचि
-आवाज में बदलाव, आवाज से परेशानी होना
-चिंता या पेशी संकुचन


ये भी पढ़ें:  यूपी के इन 12 नेताओं का रिकॉर्ड तोड़ पाना है असंभव, चंद्रशेखर से लेकर पीएम मोदी तक का लिस्ट में है नाम