Uttarakhand News: उत्तराखंड को पहली बार विश्व आयुर्वेद कांग्रेस की मेजबानी का अवसर मिला है. यह प्रतिष्ठित आयोजन 12 से 15 दिसंबर के बीच देहरादून में होने जा रहा है. 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो के इस महाकुंभ में 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. आयोजन से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि यह सम्मेलन उत्तराखंड के लिए न केवल ऐतिहासिक होगा, बल्कि यह पिछले आयोजनों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ सकता है.


चार दिवसीय इस आयोजन में भाग लेने के लिए अब तक 6500 पंजीकरण हो चुके हैं. यह संख्या पिछले वर्ष गोवा में हुए नौवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस से काफी अधिक है, जहां कुल 5102 मेहमान पहुंचे थे. आयुष सचिव रविनाथ रामन के अनुसार, इस बार की पंजीकरण संख्या ने उत्तराखंड को मेहमानों की पहली पसंद के रूप में स्थापित किया है. रजिस्ट्रेशन के आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि उत्तराखंड में इस आयोजन को लेकर गहरी रुचि है.


इस आयोजन में 54 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने की उम्मीद है. पिछले वर्ष गोवा में 53 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे, जिसमें 295 विदेशी प्रतिनिधि थे. उत्तराखंड इस बार विदेशी प्रतिनिधियों की संख्या में भी वृद्धि की उम्मीद कर रहा है. इस आयोजन के जरिए उत्तराखंड को आयुर्वेद के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाने का मौका मिलेगा. आयोजन का महत्व सिर्फ आयुर्वेद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड के पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने का भी बेहतरीन अवसर है. 6500 से अधिक मेहमानों के आगमन से न केवल स्थानीय व्यवसायों को लाभ होगा, बल्कि राज्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक आयुर्वेदिक गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी.


आयोजन को सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू
आयोजन को सफल बनाने के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. केंद्र सरकार के सहयोग से वर्ष 2002 से हर साल आयोजित होने वाली विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को इस बार उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. आयुष विभाग, राज्य सरकार, और स्थानीय प्रशासन मिलकर इसे अभूतपूर्व बनाने में जुटे हुए हैं. पिछले आयोजनों के आंकड़ों को देखें तो मेहमानों की संख्या हर वर्ष बढ़ती-घटती रही है. 


हालांकि, इस बार रजिस्ट्रेशन की संख्या को देखकर उत्तराखंड के आयोजक काफी उत्साहित हैं. इस आयोजन के जरिए न केवल आयुर्वेद को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उत्तराखंड का यह आयोजन आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर ले जाने और इसे एक समग्र स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है. मेहमानों और प्रतिनिधियों की रिकॉर्ड संख्या इसे ऐतिहासिक बनाने की ओर अग्रसर है. राज्य इस आयोजन से एक नई शुरुआत की उम्मीद कर रहा है, जो आयुर्वेद और पर्यटन दोनों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.


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