(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Geeta Press News: विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस के 100 साल हुए पूरे, 80 करोड़ से ज्यादा छप चुकी हैं धार्मिक किताबें
Gorakhpur News: विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस को 100 साल पूरे हो चुके हैं. ऐसे में गीता प्रेस ने 100 साल में 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें छापी हैं
UP News: विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस के 100 साल पूरे होने पर शनिवार को गणेश वंदन और श्रीमद्भगवतगीता पाठ से शुभारम्भ किया गया. इस आयोजन के बाद साल में देश की 20 शाखाओं पर विविध आयोजन होते रहेंगे. गीता प्रेस की स्थापना 14 मई 1923 को जय दयाल गोएंका ने की थी. जिसका उदे्श्य घर-घर में श्रीमद्भगवत गीता को पहुंचाना रहा है. सालभर चलने वाले इस समारोह के दौरान ही 4 जून को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी गीता प्रेस आएंगे.
इस मौके पर ये लोग मौजूद रहे
गोरखपुर के गीता प्रेस में शनिवार को सुबह 9.30 बजे से गणेश वंदन के साथ शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारम्भ हुआ. गीता प्रेस के लीलाचित्र मंदिर में गणेश वंदन के बाद गीता पाठ और श्रीरामचरित मानस के पाठ के बाद आरती कर शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारम्भ किया गया. इस अवसर पर गीता प्रेस के ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल बाबूजी, ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल, ट्रस्टी ईश्वर प्रसाद पटवारी, दीनदयाल अग्रवाल, अशोक केडिया, चन्द्रशेखर सर्राफ, रसेन्दु फोगला, प्रबंधक डा. लालमणि तिवारी के अलावा अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे.
'20 शाखाओं पर तरह-तरह के आयोजन किए जाएंगे'
गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल ने बताया कि गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष की शुरूआत आज गीता प्रेस के लीला चित्र मंदिर में की गई है. इसमें गणेश वंदन, गीतापाठ, श्रीरामचरित मानस पाठ, रामायण का पाठ कर आयोजन की शुरुआत हुई है. साथ ही देश की 20 शाखाओं पर तरह-तरह के आयोजन किए जाएंगे.
राजीव लोहारिका ने कहा कि ये उनके लिए गौरव की बात है कि शताब्दी वर्ष के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित पूजन में उन्हें सम्मिलित होने का अवसर मिला है. उन्होंने कहा कि गीता प्रेस की भारत ही नहीं पूरे विश्व में पहचान है. वे लोग इससे जुड़े हुए हैं. ये गोरखपुर के लिए तो खास गौरव का क्षण है.
100 साल में छप चुकी हैं 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें
गीता प्रेस की स्थापना 14 मई 1923 को हुई थी. इस प्रक्रिया में अब तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें गीता प्रेस से छप चुकी हैं. 96 वर्ष से निरंतर चल रही कल्याण पत्रिका की भी 15 करोड़ से अधिक प्रतियां अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं. विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस अब तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें और 15 से अधिक कल्याण पत्रिका के अंक प्रकाशित कर चुका है. गीता प्रेस 18 भाषाओं में 1800 तरह की पुस्तकों का प्रकाशन करता है.