लखनऊ: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की रणनीति की सराहना करते हुए कहा कि ये देश के दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन सकती है. राज्य सरकार की तरफ से जारी एक बयान में डब्ल्यूएचओ के हवाले से कहा गया है कि कोविड-19 नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार ने 'कांटेक्ट ट्रेसिंग' की जो रणनीति अपनाई है वो दूसरे प्रदेशों के लिए नजीर बन सकती है. डब्ल्यूएचओ के भारत में प्रतिनिधि डॉ रोडरिको टूरीन के हवाले बयान में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग की जो प्रक्रिया अपनाई है, वो अन्य राज्यों के लिए एक अच्छा उदाहरण बन सकती है.
संक्रमण को फैलने से रोक रही है सरकार
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के हवाले से बयान में ये भी कहा गया है कि प्रदेश सरकार कोविड-19 मरीजों के संपर्क में आए 93 प्रतिशत लोगों का पता लगाकर संक्रमण को फैलने से रोक रही है. संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से महामारी की शुरुआत से ही संक्रमण नियंत्रण के लिए उठाए गए ठोस कदम की सराहना की है.
800 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती की गई
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए अभियान स्तर पर 'कांटेक्ट ट्रेसिंग' प्रक्रिया शुरू की. सरकार के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी परियोजना ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर राज्य के 75 जिलों में 800 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती की, जिन्होंने एक से 14 अगस्त के बीच 58 हजार लोगों की जांच की.
गंभीर मरीजों तक पहुंच रहे हैं स्वास्थ्य कार्यकर्ता
प्रदेश सरकार के राज्य निगरानी अधिकारी डॉ विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश में 70,000 से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं, जो कोविड-19 बीमारी से ग्रस्त अत्यंत गंभीर मरीजों तक पहुंच रहे हैं.
लगातार बनाए रखा संपर्क
राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी परियोजना ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तैयार की गई 800 चिकित्सा अधिकारियों की प्रशिक्षित टीम के साथ मिलकर कांटेक्ट टेस्टिंग, टेलीफोनिक साक्षात्कार, सर्वे और कोविड-19 मरीजों के परिवार के सदस्यों की जांच कराने के साथ उनसे लगातार सम्पर्क बनाए रखा जिसका व्यापक प्रभाव भी देखने को मिला है.
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