Uttarakhand News: आज से शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू हुई बाबा केदार की पूजा-अर्चना
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आज अपने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई है. अब अगले छह महीनों तक बाबा केदार की यहीं पूजा-अर्चना होगी.
![Uttarakhand News: आज से शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू हुई बाबा केदार की पूजा-अर्चना Worship of Baba Kedar started in Omkareshwar temple in Uttarakhand from today ANN Uttarakhand News: आज से शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू हुई बाबा केदार की पूजा-अर्चना](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/08/112bac9dbd5f7edc8faa218d1d1b52c1_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Uttarakhand News: द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी विश्व विख्यात भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आज अपने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई है. अब शीतकाल के छह महीनों तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना यहीं पर संपन्न होगी. डोली के शीतकालीन गददीस्थल आगमन पर हजारों की संख्या में मौजूद भक्तों ने बाबा केदार का भव्य स्वागत किया.
छह नवम्बर को प्रात: आठ बजकर तीस मिनट पर बाबा केदार के कपाट बंद किए गए थे. कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने प्रथम रात्रि प्रवास रामपुर और द्वितीय रात्रि प्रवास गुप्तकाशी किया था. आज प्रात: बाबा केदार की डोली ने हजारों भक्तों की जयकारों के साथ गुप्तकाशी से शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान किया. दोपहर में डोली के शीतकालीन गददीस्थल पहुंचने पर डोली का भक्तों ने भव्य स्वागत किया. शीतकालीन गददीस्थल की परिक्रमा करने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव मूर्ति को ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया गया. अब शीतकाल के छह माह तक बाबा केदार की यही पर पूजा-अर्चना होगी. इसके अलावा देश-विदेश के भक्त यहीं आकर बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं.
केदारनाथ धाम के पुजारी ने दी ये जानकारी
केदारनाथ धाम के पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ में देवता केदार बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं. आज से भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू होगी. जो पूजाएं हिमालय केदारनाथ में होती थी, वहीं पूजाएं अब यहां होंगी.
ये भी पढ़ें :-
UP Election 2022: सपा से गठबंधन को लेकर शिवपाल यादव का बड़ा बयान, बोले- पिछले 2 साल से...
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)