Wrestlers Protest: समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और यूपी कांग्रेस कमेटी ने जंतर-मंतर धरना स्थल से दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ केंद्र सरकार की आलोचना की है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, इस घटना से स्पष्ट होता है कि महिला सुरक्षा और सम्मान पर भाजपा के सभी नारे खोखले थे और केवल महिलाओं के वोट हड़पने के लिए थे. सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा, तर्क, मंशा या निष्कर्ष जो भी हो, दृश्य दुर्भाग्यपूर्ण है, देश की बेटियां तिरंगे के साथ.


सपा नेता शिवपाल ने एक महिला पहलवान की तस्वीर भी पोस्ट की और एक तिरंगा जिस पर वह गिरी हुई थी और पुलिस उसे घसीट रही थी. वहीं दूसरी तरफ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा, भाजपा राजशाही की ओर बढ़ रही है. प्रधानमंत्री जी जब आप अपना राज्याभिषेक करवा रहे थे, तब देश की विश्वविजयी बेटियां पिट रही थीं. वे बहादुर बेटियां हैं जिन्होंने ओलंपिक में स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक जीते हैं और देश को दुनिया भर में गौरवान्वित किया है. इसलिए कृपया बेटियों का अपमान करना बंद करें. 


बीजेपी सरकार पर साधा निशाना


समाजवादी पार्टी के साथ राष्ट्रीय लोकदल ने भी पहलवानों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध किया है. रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा, निरंकुशता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस मुद्दे पर यूपी में अब पूरा विपक्ष एकसाथ दिखाई दे रहा है. सपा, आरएलडी के बाद यूपी कांग्रेस ने भी महिला पहलवानों के समर्थन में बयान दिया और कहा कि महिला पहलवान विनेश फोगाट, हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद, 'नए देश के लिए बधाई' चिल्लाईं! तो, भारत के प्रिय नागरिकों, आपको नए देश की झलक कैसी लगी? यूपीसीसी ने वीडियो पोस्ट किया, जिसमें विनेश फोगट पुलिस बस की खिड़की से नया देश मुबारक हो! चिल्ला रही हैं. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी पहलवानों पर हुई कार्रवाई का विरोध किया है. 


दिल्ली पुलिस की बर्बर कार्रवाई का विरोध


रविवार को जब नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा था तो कई पहलवानों और उनके समर्थकों ने संसद के घेराव का एलान किया था. इसी दोनों पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच तीखी नोंक-झोंक हो गई. जिसके बाद पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया. पहलवान एक नाबालिग समेत महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नए संसद भवन की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे. 


पहलवानों ने रविवार को महिला महापंचायत बुलाई थी, जिसकी अनुमति उनके पास नहीं थी. पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को घसीटा और उन्हें बसों में भरकर ले गई. 


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