Wrestlers Protest: पहलवानों और सुब्रत पाठक के मामले को लेकर BJP पर अखिलाश यादव का हमला, कहा- 'अगर ये किसी और...'
Wrestlers Protest News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों पर बोलते हुए कहा कि दिल्ली में बेटियां न्याय मांगते-मांगते थक गईं.
UP News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) पहुंचे समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक बार फिर से पहलवानों के मामले पर बीजेपी (BJP) की सरकार को घेरा है. साथ ही इस मौके पर अखिलेश यादव ने कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) पर दर्ज हुए मामले को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने कहा है कि दिल्ली में बेटियां न्याय मांगते-मांगते थक गईं. वहीं कन्नौज में एक सांसद अपने सभी गुंडों के साथ जाकर चौकी में सभी पुलिस बल की पिटाई करता है. अगर ये किसी और ने किया होता ते ये सरकार बुलडोजर चलवा देती. क्यों सरकार सांसद के घर पर बुलडोजर नहीं चलवा रही है?
गौरतलब है कि कई भारतीय पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले में पहलवान बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए पहलवान 23 अप्रैल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध करने वाले पहलवानों को 28 मई को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और जंतर-मंतर से टंगे तिरपाल सहित उनका सारा सामान हटा दिया था.
9 मई से दोबारा जंतर-मंतर पर धरना देने की दी गई सलाह
इसके बाद पहलवान यह कहकर हरिद्वार गए थे कि वे अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित करना चाहते हैं, क्योंकि न्याय की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. किसान नेताओं के अनुरोध पर उन्होंने मेडल गंगा में बहाने का इरादा छोड़ दिया और पांच दिन की मोहलत देकर मेडल किसान नेता नरेश टिकैत को सौंप दिया. किसानों के खाप नेताओं ने अब पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए 9 मई से फिर जंतर-मंतर पर उन्हें धरना देने की सलाह दी है और अनुमति नहीं मिलने पर देशभर में किसानों के जरिए आंदोलन शुरू करवाने का भरोसा दिया है.
सुब्रत पाठक का क्या है मामला?
वहीं कन्नौज से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक पर मंडी चौकी प्रभारी ने मारपीट का आरोप लगाया है और कन्नौज कोतवाली में बीजेपी सांसद के खिलाफ धारा 147,148, 332, 353, 504, 506, 427, 225, अपराध कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. इन दोनों मामलों को लेकर अखिलेश यादव पहले भी कई बार बयान दे चुके हैं.
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