(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lucknow: एक ही शख्स की कई बार जांच, हर दफा नई आईडी, जांच में आया बड़ा फर्जीवाड़ा
राजधानी लखनऊ में जांच के बाद पोर्टल में गलत जानकारी दर्ज करने का मामला सामने आया है. इसके मुताबिक, एक ही शख्स की दूसरी या तीसरी बार नई आईडी जनरेट की गई.
लखनऊ: कोरोना की जांच के बाद पोर्टल पर गलत ब्यौरा दर्ज करने का मामला सामने आया है. इसके मुताबिक, पोर्टल पर दर्ज 8,876 का ब्यौरा गलत होने से कांटेक्ट ट्रेसिंग प्रभावित हुई है. केजीएमयू, लोहिया और एसजीपीजीआई से 1 से 20 मई के बीच जांच के बाद कोविड पोर्टल पर अपलोड किया गया ब्यौरा या तो गलत या अधूरा है. एक ही व्यक्ति की दूसरी या तीसरी जांच कराने पर हर बार नई आईडी जेनरेट की गई. जिसके चलते संक्रमितों की संख्या भी बढ़ रही थी. प्रभारी अधिकारी डॉ रोशन जैकब की शिकायत के बाद डीजी मेडिकल एजुकेशन ने तीनों संस्थानों को पत्र भेजा है.
लगातार घट रहे हैं केस
वहीं, दूसरी और 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 3981 पॉजिटिव केस आए हैं. कल से लेकर आज तक 900 केस उत्तर प्रदेश में घटे हैं. पिछले 23 दिन में 2,34,000 केस कम हुए हैं. रिकवरी होने वालों की संख्या 11,918 रही. प्रदेश में कुल एक्टिव केस 76,700 रहे.
देश में सर्वाधिक टेस्ट का सिलसिला उत्तर प्रदेश में जारी है. 24 घंटे में 3.26 लाख कोरोना टेस्ट हुए हैं. जबकि उत्तर प्रदेश से आधी आबादी के महाराष्ट्र में 26000 केस आए, बेहद छोटे राज्यों जम्मू कश्मीर में 3600 और उत्तराखंड में 3800 केस आए.
सक्रिय हुये सीएम योगी
22 अप्रैल को नीति आयोग के सदस्य वी के पाल ने आशंका जाहिर की थी, उत्तर प्रदेश में 10 मई से रोज एक लाख से अधिक केस आएंगे. अन्य विशेषज्ञों ने भी आशंका जाहिर की थी कि, यूपी दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 हॉटस्पॉट बनेगा. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना नेगेटिव होने के दिन से ही ग्राउंड पर जाना शुरू कर दिया. जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों के साथ मंडल स्तर की समीक्षा बैठकें की. गांव के लोगों से उनके घर, अस्पताल जाकर संवाद किया. एक लाख गांवों में निगरानी समितियों को सक्रिय करके संक्रमितों की पहचान और 24 घंटे में टेस्ट कराकर मेडिसिन किट पहुंचाने की व्यवस्था की. जरूरत के अनुसार लोगों को आइसोलेट और अस्पताल में भर्ती कराया गया और इन्फेक्शन की चैन को ब्रेक कर दिया. उसका नतीजा आज उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते टेस्ट और घटते केस के रूप में दिख रहा है.
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