UP Board Exam 2020 पहले दिन ही इंटरमीडिएट के हिंंदी के पेपर में गलत प्रश्न देख छात्र चकराये
यूपी बोर्ड तमाम दावे करता है कि परीक्षा को लेकर त्रुटि रहित व्यवस्था होगी। लेकिन पहले दिन ही बोर्ड को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
प्रयागराज, एबीपी गंगा। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो चुकी हैं। बोर्ड ने नकल रोकने के लिये काफी सख्त कदम उठाये हैं। पहले दिन इंटरमीडिएट के हिंदी पेपर में एक सवाल ही गलत पूछ लिया गया, जिसके चलते छात्र परेशान हो गये। बोर्ड द्वारा भेजे गये प्रश्नपत्र सीरीज 302 ()
यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन ही इंटरमीडिएट सामान्य हिंदी का एक प्रश्न गलत पूछा गया। बोर्ड की ओर से भेजे गए प्रश्नपत्र सिरीज 302 (जेडजे) का पहला प्रश्न ‘कल्पलता के लेखक हैं' के चार विकल्प महावीर प्रसाद द्विवेदी, प्रो. जी. सुंदर रेड्डी, वासुदेवशरण अग्रवाल और प्रेमचन्द दिया गया था जबकि हिन्दी विषय के अध्यापकों ने इसे त्रुटिपुर्ण माना है।
एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में हिंदी के प्रवक्ता अनुपम परिहार और केपी इंटर कॉलेज के हिंदी प्रवक्ता सुरेश मिश्र के अनुसार कल्पलता के लेखक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं जो विकल्प में नहीं है। विकल्प में दिए गए चार लेखकों में एक वासुदेव शरण अग्रवाल ने ह्यकल्पवृक्षह्ण निबंध लिखा है। प्रेमचन्द ने ह्यकायाकल्पह्ण उपन्यास लिखा है। वहीं विशेषज्ञों के माने तो वासुदेव शरण अग्रवाल की एक रचना कल्पलता के नाम से है लेकिन वह इंटर के पाठ्यक्रम में नहीं है।
प्रश्न के गलत विकल्प देख छात्र असमंजस में पड़ गये। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये। कई छात्रों ने गलत विकल्प ही चुन लिया। अब देखना है कि बोर्ड इस प्रश्न को हटाता है या फिर सभी छात्रों को समान अंक देने का निर्णय लेता है। आपको बता दें कि यह सवाल एक नंबर का था। सचिव नीना श्रीवास्तव का कहना है कि प्रश्न पर विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट लेने के बाद परीक्षा समिति कोई फैसला करेगी।