Uttarakhand News: उत्तराखंड के यमकेश्वर (Yamkeshwar) के तालघाटी में स्थाई सड़क मार्ग नहीं होने से बरसात के चार महीने स्थानीय निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कोई बीमार पड़ जाए तो उन्हें बीच बहती नदी से अस्पताल तक ले जाना किसी चुनौती से कम नहीं होता. बीन नदी पर पुल और स्थाई सड़क नहीं होने से लोगों को ये परेशानी उठानी पड़ती है. बरसात के मौसम में तालघाटी के लोगों के लिए एक-एक दिन काटना भारी होता है.


तालघाटी के लोगों की ओर से विन्ध्यवासिनी ऑल वेदर रोड की मांग की जा रही है. यह मांग अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. मांग सामाजिक कार्यकर्ताओं के पत्राचार तक ही सिमट करके रह गई है. इस बीच रविवार को एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक बीमार महिला को कुर्सी पर बैठाकर कुछ लोग उसे कांधे पर उठाकर नदी के तेज बहाव से इलाज के लिए अस्पताल लेकर जा रहे है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो विन्ध्यवासिनी मंदिर के आस-पास क्षेत्र का है.



लगभग 10 किलोमीटर चलना पड़ा पैदल


बुकण्डी के पूर्व प्रधान आनंद सिंह रावत ने बताया कि बेलवाला तोक निवासी दर्शनी देवी को तेज बुखार आने से उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने लगा. स्थानीय लोगों की ओर से उन्हें अस्पताल ले जाने का इंतजाम किया गया. स्थानीय निवासियों की तरफ से उन्हें कुर्सी पर बैठाकर पैदल गंगा भोगपुर लाया गया. बीच में कई जगह ताल नदी की बहती तेज धारा में उन्हें जान जोखिम में डालकर नदी पार कराई गई. आनंद सिंह रावत बताया कि बीमार महिला को कुर्सी पर बैठाकर लगभग 10 किलोमीटर दूर पैदल बहती तेजधारा को पार करके गंगा भोगपुर तक पहुंचाया गया, उसके बाद उन्हें वाहन से अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की गई.


स्थानीय निवासियों ने क्या कहा?


इस संबंध में स्थानीय निवासी सत्यपाल रावत ने कहा कि यदि ऑल वेदर रोड या नौगांव विन्ध्यवासिनी मोटर मार्ग खुल गया होता तो इस तरह जान जोखिम में डालकर मरीज को ले जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता एसपी जोशी ने कहा कि इन्हीं सबको देखते हुए हमारे क्षेत्रवासियों की ओर से बैराज से विन्ध्यवासिनी तक ऑल वेदर सड़क की मांग की जा रही है, यह हालात हर साल बरसात में होते हैं. उत्तराखंड को बने 23 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी राज्य में स्वास्थ्य और सड़कों की व्यवस्था ठीक नहीं है, जिससे स्थानीय लोगों को रोज दो-चार होना पड़ता है .


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