प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ अब विकराल रूप लेती जा रही है। पानी तमाम मोहल्लों व गांवों में घुसने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां कई सड़कें और रास्ते भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ का पानी भरने से तमाम इलाकों का संपर्क बाकी जगहों से कट गया है। जिन सड़कों पर हफ्ते भर पहले कार व बाइक तेजी से फर्राटा भरते थे, अब वहां नावें चल रही हैं। बिजली व पानी की सप्लाई ठप होने के बाद लोग या तो नावों के सहारे बाहर आ रहे हैं या फिर कई फुट जमा पानी में ज़िंदगी को दांव पर लगाकर बाहर निकलते हैं। तमाम जगहों पर स्कूली बच्चे घुटने भर से ज़्यादा पानी में जान जोखिम में डालकर स्कूल आने को मजबूर हैं।


प्रयागराज में प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। अभी तक कहीं भी राहत सामग्री नहीं बांटी गई है। हालांकि बचाव के इंतजाम संतोषजनक हैं। यहां गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर अब भी तेजी से बढ़ रहा है। दोनों नदियां खतरे के निशान से सिर्फ एक मीटर नीचे ही रह गई हैं। दोनों नदियों ने रात को ही चेतावनी बिंदु पार कर लिया था। खतरे का निशान पार करने से पहले ही गंगा और यमुना ने प्रयागराज में तबाही मचानी शुरू कर दी है।


गापार इलाके की फूलपुर तहसील में गंगा नदी का पानी अब सड़कों पर बह रहा है। हजारों घरों में पानी घुस गया है। ऊंचे-ऊंचे पेड़ बाढ़ के पानी में समा गए हैं। तकरीबन 50 गांवों में जनजीवन बेहाल है। इसके साथ ही संगम जाने वाले सारे रास्ते भी बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। हजारों लोग घर बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं, जबकि तमाम लोग मजबूरी में घरों में कैद होकर रह गए हैं। प्रशासन ने नाव चलवाकर लोगों के बाहर निकलने का इंतजाम तो कर दिया है, लेकिन बाकी इंतजाम नदारत हैं।