प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ ने हाहाकार मचा दिया है। यहां हालात से निपटने के लिए अब सेना की मदद लेने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही बाढ़ में फंसे हुए हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एयरफोर्स से मदद मांगी गई है।



एनडीआरएफ से भी टीम बढ़ाए जाने की सिफारिश भी की गई है। एनडीआरएफ की टीम पिछले दो दिनों में पांच सौ से अधिक लोगों को बोट के जरिये बाहर निकाल चुकी है। इसके साथ ही पांच हजार से अधिक लोगों ने बाढ़ राहत केंद्रों में शरण ली है।



प्रयागराज में बाढ़ की वजह से पांच लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक तमाम मोहल्ले व गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कई मोहल्ले तो पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। कई जगह तो हालात इतने खराब हैं कि लोगों के घरों की पहली मंजिल पूरी तरह डूब गई है। तकरीबन एक लाख लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं। तमाम मकान टापू बन गए हैं।



सड़कें और रास्ते पानी में डूबने की वजह से कई जगहों पर लोगों का संपर्क बाकी जगहों से कट गया है। सुबह दस बजे के करीब गंगा और यमुना दोनों ही नदियां खतरे के निशान को छूने लगी हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान से सिर्फ छह सेंटीमीटर ही दूर हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।



फिलहाल, प्रयागराज के लोगों को बाढ़ से निजात मिलती नजर नहीं आ रही है। आने वाले दिनों में यहां बाढ़ का और रौद्र रूप देखने को मिल सकता है। राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की नदियों व कई बैराजों से छोड़ा गया पानी दो दिनों में जब यहां पहुंचेगा तो दोनों नदियां खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर तक जा सकती हैं।



बाढ़ के मद्देनजर जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। प्रशासन ने सौ के करीब बाढ़ चौकियां खोली हैं। इसके साथ ही कई बाढ़ राहत केंद्र खोलकर टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। हालांकि प्रशासन के इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं।