Noida News: यमुना प्राधिकरण का विकास कार्य तेजी से चल रहा है. आने वाले समय में प्राधिकरण में विकास के कामों में और तेजी आएगी. इसी के मद्देनजर यमुना प्राधिकरण की मंगलवार को बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें 4528 करोड़ रुपए के बजट पर मुहर लग गई. बैठक में प्राधिकरण ने मुख्य रुप से जमीन की खरीद, ग्रामीण विकास, निर्माण योजनाएं और कनेक्टिविटी पर ज्यादा जोर दिया है.
यमुना प्राधिकरण ने सबसे ज्यादा जमीन खरीद के लिए 1535 करोड़ का बजट रखा है. इसके बाद निर्माण योजनाओं पर 1160 करोड़, मेट्रो और पॉड टैक्सी पर 300 करोड़ और ग्रामीण विकास पर 157 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं प्राधिकरण ने बैठक में किसानों का मुआवजा 125 रुपये प्रति वर्ग मीटर बढ़ा दिया है.
यमुना प्राधिकरण की 73वीं बोर्ड की बैठक
गौरतलब है कि यह यमुना प्राधिकरण की 73वीं बोर्ड की बैठक थी, जो प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद कुमार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 का लेखा-जोखा के साथ ही 4528 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया. जिसे बोर्ड ने सर्वसम्मति से पास कर दिया.
जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण को 405 करोड़
बता दें कि यमुना प्राधिकरण के अंर्तगत ही बहुप्रतीक्षित जेवर इंटरनेशनल एअरपोर्ट बन रहा है. प्राधिकरण क्षेत्र में इस साल निर्माण की विभिन्न योजनाओं पर 1160 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. प्राधिकरण ने जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए 405 करोड़ का प्रावधान किया है. इसके अलावा मेट्रो, पॉड टैक्सी, सड़क निर्माण में 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि ने बजट में जमीन अधिग्रहण को प्राथमिकता पर रखा है.
1535 करोड़ में 1200 एकड़ जमीन
यमुना प्राधिकरण ने इस साल किसानों से 1200 एकड़ जमीन खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 1535 करोड़ का बजट रखा गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में प्राधिकरण ने जमीन की खरीद में 583 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इस पैसे के जरिए 455 एकड़ जमीन खरीदी गई थी. इस साल लॉजिस्टिक हब, मेडिकल डिवाइस पार्क और कई नई औद्योगिक योजनाएं लांच की जाएंगी. इसके लिए ज्यादा जमीन की जरुरत होगी. इसीलिए जमीन अधिग्रहण के लिए ज्यादा पैसा आवंटित किया गया है.
गांवों को भी स्मार्ट बनाने पर जोर
यमुना प्राधिकरण ने शहरी क्षेत्रों के पिकेस के अलावा गांवों को भी स्मार्ट बनाने पर जोर दिया है. इसके योजना के लिए प्राधिकरण ने (स्मार्ट विलेज) योजना में 76.98 करोड़ आवंटित किए हैं. इसी योजना पर पिछले साल में 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इसी तरह गांवों के विकास पर 80 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जबकि इसी योजना पर पिछले साल 20 करोड़ खर्च हुए थे. इस बार सभी गांवों के विकास पर 157 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पिछले साल यह बजट 110 करोड़ का था.