Yamuna Expressway: अब सीएम योगी कर रहे हैं यमुना एक्सप्रेस-वे को अटल एक्सप्रेस-वे करने की तैयारी, निर्माण में लगे थे इतने अरब रुपये
यमुना एक्सप्रेस-वे देश की राजधानी दिल्ली को उत्तर प्रदेश से जोड़ने का सरल और सुगम रास्ता है. यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में लागत करीब 128.39 अरब रुपए आई थी.
Yamuna Expressway: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यमुना एक्सप्रेस-वे का नाम बदलने की तैयारी कर रही है. बताया जा रहा है कि 25 दिसंबर यानी देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर यमुना एक्सप्रेस-वे का नाम बदलकर अटल एक्सप्रेस-वे कर दिया जाएगी. गौरतलब है कि 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के भूमि पूजन के लिए आ रहे हैं. इसी कार्यक्रम में यमुना एक्सप्रेस-वे का नाम बदलने की घोषणा की जा सकती है.
पीएम मोदी कर सकते हैं नाम बदलने की घोषणा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम योगी चाहते हैं कि पीएम द्वारा ही यमुना एक्सप्रेस वे के नए नाम की भी घोषणा की जाए. यमुना एक्सप्रेस वे का नाम बदल अटल बिहारी वाजपेयी एक्सप्रेस वे किया जाने का प्लान है. वहीं बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार भी योगी सरकार अटल एक्सप्रेस-वे करने की तैयारी में जुटी हुई है. दरअसल, नाम बदलने के साथ ही बीजेपी एक तीर से दो निशाने साधेगी. यमुना एक्सप्रेस-वे का नाम बदलने के साथ ही ना सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सम्मान दिया जाएगा बल्कि इससे ब्राह्मण वोटरों को साधा जाएगा.
गौरतलब है कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव से पहले यमुना एक्सप्रेसवे का नाम बदलकर पूर्व पीएम अटल बिहारी के नाम पर करना, बीजेपी का एक बड़ा दांव होगा. बताया जा रहा है कि यमुना एक्सप्रेसवे का नाम बदलने को लेकर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी की चर्चा हो चुकी है, अब जनसभा में इसका ऐलान किया जाएगा.
2007 में शुरू हुआ था यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण
आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेस-वे देश की राजधानी दिल्ली को उत्तर प्रदेश से जोड़ने का सरल और सुगम रास्ता है. यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में लागत करीब 128.39 अरब रुपये आई थी. यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन का है. इस एक्सप्रेस-वे की दूरी करीब 165 किलोमीटर की है. एक्सप्रेस-वे को 2012 में आम जनता को समर्पित किया गया था, जिसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली के लोगों को आगरा और लखनऊ जाने में बेहद आसानी होने लगी है.
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