Deepdan and Kalindi Mahotsav: हर साल की तरह इस बार भी देवउठनी एकादशी की पूर्व संध्या पर संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में परंपरागत तौर पर इस बार भी दीपदान महायज्ञ एवं कालिंदी महोत्सव का आयोजन किया गया. जूना अखाड़े के मौज गिरि घाट पर सवा लाख दीप जलाए गए. इसके अलावा मां यमुना की भव्य आरती और आतिशबाजी भी की गई. एक साथ हजारों दीप जलने से यमुना नदी और उसका मौजगिरि घाट दूधिया रोशनी से नहा उठा. दीपों की रोशनी में वहां का नजारा ऐसा लग रहा था, मानों एक साथ हजारों सितारे आसमान से उतरकर ज़मीन पर टिमटिमा रहे हैं.


सर्वसमाज के कल्याण की प्रार्थना
इस मौके पर सर्व कल्याण के साथ ही देश और दुनिया में शांति व खुशहाली होने की ख़ास तौर पर प्रार्थना की गई. इस आयोजन  में सैकड़ो की संख्या में आम नागरिक भी शामिल हुए. कार्यक्रम में मौजूद संत महात्माओं व श्रद्धालुओं ने मां यमुना की विशेष आरती की. दीपदान के लिए यमुना की धारा में एक दर्जन से ज्यादा नावों का विशेष इंतजाम किया गया था. इस दौरान जिसने भी यह नजारा देखा, वह बस देखता ही रह गया. 


बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु, संत-महात्मा
इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के प्रमुख संतों के संरक्षण वाली संस्था श्री दत्तात्रेय सेवा समिति की तरफ से किया गया था. दीपदान महायज्ञ और कालिंदी महोत्सव में जूना अखाड़े के सभापति श्री महंत प्रेम गिरि महाराज समेत तमाम दूसरे अखाड़ों के संत महात्मा मौजूद थे. इस बार के आयोजन में मौजूद साधू संतों और सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के 22 जनवरी को होने जा रहे लोकार्पण एवं प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुशी जताई गई


टनल में फंसे मजदूरो की खुशहाली की कामना 
संतो ने इस अवसर पर कहा,  सनातन धर्मियों के लिए यह पल इसलिए अद्भुत और अलौकिक होगा क्योंकि रामलला तकरीबन पांच सौ सालों के बाद फिर से अपने घर में विराजमान होंगे और दुनिया भर के करोड़ों रामभक्त आसानी से उनका दर्शन पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे. इस मौके पर हाल के दिनों में दुनिया में कई जगहों हुए आतंकी हमले की निंदा की गई और समूचे विश्व में शांति वा भाईचारा कायम रहने की प्रार्थना खास तौर पर की गई. समारोह में उत्तराखंड की टनल में फंसे 41 मजदूरों की सलामती के लिए भी प्रार्थना की गई.


संतो में भगवान करते हैं वास- मंजू रानी चौहान, जस्टिस हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मुख्य अतिथि जस्टिस मंजू रानी चौहान ने कहा कि संतों और गुरुओं में साक्षात भगवान वास करते हैं. संतों के उपदेशों का पालन कर और उनके जैसा आचरण कर ही देश और समाज को समृद्धशाली और शांत बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संत स्वभाव के योगी पुरुष हैं, जबकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पहले संत और बाद में मुख्यमंत्री हैं. अगर उच्च पदों पर बैठे सभी लोग संतों जैसा आचरण करने लगे तो भारत को एक बार फिर से विश्वगुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता.


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